किसानों के जाम से ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस वे पर थमें वाहनों के पहिए
गाजियाबाद। नए कृषि कानूनों के विरोध में संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेसवे पर 24 घंटे का पहले से ही प्रस्तावित जाम शुरू हो गया है। जिसके चलते एक्सप्रेस वे पर वाहनों के इंजन की गड़गड़ाहट बंद हो गई है। हाईवे पर किसान चारपाई पर बैठे हुए धरना देकर हुक्का गुडगुडा रहे हैं।
शनिवार की सवेरे लगभग 9.30 बजे केएमपी पर पहुंचे किसानों ने एक्सप्रेस-वे को जगह-जगह से बाधित करते हुए जाम लगा दिया है। जिससे दोनों तरफ वाहनों की लाइनें लग गई। पुलिस ने व्यवस्था बनाकर वाहनों को अन्य वैकल्पिक मार्गो से निकाला। वाहनों के एक्सप्रेस वे से वैकल्पिक रास्तों से निकल जाने के बाद सन्नाटा पसर गया। 24 घंटे सुनाई देने वाली वाहनों के इंजनों की गड़गड़ाहट और हाॅर्न की आवाज दूर तक भी सुनाई नहीं दे रही है। किसान नेता जगतार सिंह बाजवा की अगुवाई में किसान एक्सप्रेस वे पर चारपाई और दरा बिछाकर अपनी मांगों के लिए धरना देते हुए आराम के साथ हुक्का गुडगुडा रहे हैं। इस मौके पर धरना दे रहे किसानों ने साफ तौर पर कहा है कि जब तक केंद्र सरकार नए कृषि कानूनों को वापस लेकर एमएसपी को कानून नहीं बना देती है। तब तक किसानों का आंदोलन जारी रहेगा।
उन्होंने कहा कि यह किसान सरकार की हठधर्मिता ही परिणाम है कि संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं द्वारा बीच-बीच में सरकार को अपनी ताकत का एहसास कराने के उद्देश्य से ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस-वे को जाम कर टोल फ्री कर दिया गया है। यानी कि किसान किसी भी हालत में पीछे हटने को तैयार नहीं है। जब तक सरकार कृषि बिलों को वापस नहीं ले लेती है तब तक वह अपने आंदोलन को जारी रखेंगे।