दुष्कर्म पीडिता की अनोखी मदद- फाइल आगे बढ़ाने की मांगी कीमत- विजिलेंस ने धरा
आजमगढ। एंटी करप्शन गोरखपुर की टीम ने एसपी कार्यालय के सिपाही को 20 हजार रूपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। आरोपी सिपाही अनुसूचित जाति की दुष्कर्म पीड़िता की अनुदान की फाइल को आगे बढ़ाने की एवज में रुपए ले रहा था। पुलिस ने आरोपी के विरुद्ध मुकदमा दर्ज करते हुए जेल भेज दिया है। आरोपी सिपाही दिलीप भारती पुलिस अधीक्षक कार्यालय के विशेष जांच प्रकोष्ठ में आरक्षी के पद पर तैनात है।
एंटी करप्शन टीम के प्रभारी राम धार मिश्र ने शनिवार को बताया कि जीयनपुर कोतवाली क्षेत्र से मिली शिकायत के आधार पर एंटी करप्शन की टीम आजमगढ़ आई थी। केमिकल लगे हुए रुपए लेकर दुष्कर्म पीड़िता का भाई एसपी कार्यालय पहुंचा और उसने रुपए की डिमांड करने वाले सिपाही को एसपी कार्यालय के सामने स्थित पार्क में बुलाया। इसी बीच दोनों में बातचीत हुई और दुष्कर्म पीड़िता का भाई सिपाही को रुपए देने लगा। उसी वक्त तांक में लगी एंटी करप्शन की टीम ने रुपए ले रहे सिपाही को रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। शिकायतकर्ता दुष्कर्म पीड़िता के भाई ने बताया कि समाज कल्याण विभाग से उसकी पीड़िता बहन को पहली किस्त मिल गई है। दूसरी किस्त के लिए फाइल आगे बढ़ाने के लिए सिपाही द्वारा 25 हजार रूपये की रिश्वत की मांग की जा रही थी। सिपाही दिलीप भारती बार-बार रिश्वत के लिए फोन कर रहा था। घर पर भी उसने एक व्यक्ति को रुपए लेने के लिए भेजा था। बाद में बातचीत किए जाने पर 20 हजार रूपये में बात तय हुई थी।
एंटी करप्शन की टीम सिपाही दिलीप कुमार को लेकर कोतवाली पहुंची तो मामले की जानकारी होने पर एक पुलिसकर्मी शराब के नशे में उसके बचाव के लिए कोतवाली पहुंच गया और शिकायतकर्ता को कोतवाली में ही एंटी करप्शन के टीम के सामने धमकी देने लगा। शिकायतकर्ता के साथ आए लोगों ने धमकी देने वाले पुलिसकर्मी पर कार्रवाई की मांग की है।