यूपी अब चला उत्तराखंड की राह-तीन तलाक के बाद अब चार शादियों की एंट्री

यूपी अब चला उत्तराखंड की राह-तीन तलाक के बाद अब चार शादियों की एंट्री

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में 18 वीं विधानसभा के गठन के लिए हो रहे चुनाव में अब उत्तराखंड की राजनीति अपनी एंट्री करने जा रही है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री की ओर से सत्ता में आने पर समान नागरिक संहिता का मसौदा तैयार करने के लिए कमेटी गठित किए जाने की घोषणा के बाद अब उत्तर प्रदेश में चार शादियों का मुद्दा उठाए जाने की जोर शोर से तैयारी की जा रही है।

दरअसल उत्तर प्रदेश में 18 वीं विधानसभा के गठन के लिए हो रहे चुनाव के प्रथम और द्वितीय चरण संपन्न हो चुके हैं। तीन तलाक को लेकर कानून बनाते हुए भाजपा मुस्लिम महिलाओं के वोट बैंक में इस बार अपनी सेंधमारी कर चुकी है। अब भारतीय जनता पार्टी की ओर से उत्तराखंड राज्य के समान नागरिकता कानून की तर्ज पर चार शादियां, संपत्ति, विरासत और गोद लेने जैसे पारिवारिक कानून लाने की तैयारी शुरू कर दी गई है। अब यह तो निश्चित है कि मुस्लिम समुदाय के भीतर भाजपा के इस कानून का जमकर विरोध किया जाएगा, वैसे भाजपा भी इसी बात को चाहती है कि राजनीति के जानकारों के मुताबिक मुस्लिम समुदाय के भीतर जितना भाजपा का विरोध होगा उतना ही अवध और पूर्वांचल में वोटों के ध्रुवीकरण का भाजपा को लाभ मिलेगा। यदि ऐसा हो जाता है तो पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी को जो थोड़ी-बहुत सीटों के नुकसान की आशंका सता रही है पूर्वांचल और अवध के भीतर उसकी भरपाई आसानी से की जा सकेगी। दरअसल उत्तर प्रदेश में पारिवारिक कानून की एंट्री उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की ओर से की गई उस घोषणा के बाद हुई है जिसमें उत्तराखंड के सीएम ने कहा है कि यदि भाजपा सत्ता में आती है तो समान नागरिक संहिता का मसौदा तैयार करने के लिए एक कमेटी गठित की जाएगी। अब उत्तर प्रदेश भारतीय जनता पार्टी का मानना है कि जब उत्तराखंड के मुख्यमंत्री समान नागरिक संहिता का ऐलान कर सकते हैं तो इस तरह का मुद्दा उत्तर प्रदेश में भी लाया जा सकता है। माना जा रहा है कि भाजपा अब इस मुद्दे को पूर्वांचल में मतदान से पहले पड़ोसी राज्य उत्तराखंड से भी ज्यादा धूम-धड़ाके के साथ उठायेगी। उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश में पांच चरणों का मतदान होना अभी बाकी है। जिसमें बहुत सारी सीटे दांव पर लगी हुई है।

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