सम्पूर्ण टीकाकरन के लिए UP सरकार प्रतिबद्ध- मीडिया की भूमिका अहम- डिप्टी CM
लखनऊ। भारत सरकार के दिसम्बर 2023 तक खसरा उन्मूलन के लक्ष्य को गति देने के लिए उत्तर प्रदेश में विशेष टीकाकरण पखवाड़ों का आयोजन जनवरी, फरवरी एवं मार्च 2023 में किया जाएगा। इसके साथ ही, प्रदेश के सभी शहरी क्षेत्रों में प्रतिदिन नियमित टीकाकरण सत्रों का आयोजन भी किया जाएगा, जिसका शुभारंभ गुरुवार को उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग उत्तर प्रदेश एवं यूनिसेफ द्वारा आयोजित मीडिया कार्यशाला में किया।
नवीन व्यवस्था के अंतर्गत, दिनांक 15 जनवरी से ज़िला महिला चिकित्सालय, संयुक्त पुरुष चित्कित्सालयों एवं शहरी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में पूरे सप्ताह (रविवार से शनिवार) प्रातः 8 बजे से 2 बजे तक एवं समस्त शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में प्रतिदिन 6 दिवसों (मंगलवार से रविवार) तक नियमीत टीकाकरण की सुविधा उपलब्ध रहेगी।
मीडिया को संबोधित करते हुए उत्तर प्रदेश के उप मुख्य मंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में विगत वर्षों में किए गए कार्यों के परिणामस्वरूप प्रदेश में एन0एफ0एच0एस0 4 के सापेक्ष एन0एफ0एच0एस0 5 में पूर्ण प्रतिरक्षण की दर 51 प्रतिशत से बढ़ कर लगभग 69.6 प्रतिशत हुई है। यह प्रदेश सरकार के द्वारा स्वास्थ्य के क्षेत्र में किए जा रहे गुणवत्तापरक कार्यों का परिणाम है।
उप मुख्य मंत्री ने कहा कि एक राष्ट्रीय सर्वे में पाया गया कि शहरी क्षेत्र में पूर्ण प्रतिरक्षण के विकास कि दर ग्रामीण क्षेत्रों की अपेक्षा कम है। अतः शहरी क्षेत्रों में टीकाकरण को बढ़ावा देने के लिए अतिरिक्त प्रयसों की आवश्यकता को महसूस किया गया। अब से ज़िला चिकित्सालय एवं शहरी सामुदायिक स्वास्थ केन्द्रों एवं प्राथमिक स्वास्थ केन्द्रों पर प्रतिदिन टीकाकरण किया जाएगा।
उप मुख्य मंत्री द्वारा प्रदेश में एम आर एलीमिनेशन रोडमैप की स्वीकार्यता का अनावरण तथा शहरी चिकित्सालयाओं में प्रतिदिन टीकाकरण की नवीन व्यवस्था का सांकेतिक शुभारंभ किया गया। प्रदेश भर में विशेष टीकाकरण पखवाड़ों का आयोजन 9 जनवरी से 20 जनवरी, 13 फरवरी से 24 फरवरी एवं 13 मार्च से 24 मार्च के बीच किया जाएगा। इसके साथ ही नियमित टीकाकरण की गतिविधियां प्रदेश के सभी शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में निर्बाध चलती रहेंगी।
खसरा एवं रूबेला उन्मूलन के विषय में बात करते हुए, प्रमुख सचिव स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, पार्थ सारथी सेन शर्मा ने कहा कि दिसम्बर 2022 में प्रदेश के समस्त जनपदों के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में सभी 0-5 वर्ष के बच्चों को सूचीबद्ध कर उनकी टीकाकरण स्थिति का आंकलन किया गया। इस सर्वे में 0-5 वर्ष की आयु के 2.5 करोड़ बच्चे पाये गए। सर्वे में पाया गया कि इनमें से लगभग 5 लाख से अधिक बच्चों ने अपनी पेंटा-1 की खुराक एवं 7 लाख से अधिक बच्चों ने खसरा रूबेला एम0 आर0 टीके की दूसरी खुराक नहीं ली है। इन छूटे हुए बच्चों का टीकाकरण पूर्ण करने के उद्देश्य से टीकाकरण पखवाड़ों का आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कोविड प्रबंधन और टीकाकरण में उत्तर प्रदेश अन्य राज्यों के लिए एक मॉडल रहा है, और अब खसरा और रूबेला उन्मूलन के विषय में भी हम ऐसा ही बनने की आकांक्षा रखते हैं।
यूनिसेफ उत्तर प्रदेश के चीफ औफ़ फील्ड ऑफिस ज़कारी एडम ने कहा कि जीवन और सम्पूर्ण टीकाकरण हर बच्चे एवं बच्ची का अधिकार है। शिशु एवं बाल मृत्यु दर को कम करने में टीकाकरण की अहम भूमिका है। जिन बच्चों का टीकाकरण पूर्ण होता है वे स्वस्थ रहते हैं, स्कूल में बेहतर प्रदर्शन करते हैं और अपनी क्षमता को पूरा करते हैं।
ज़कारी एडम ने मीडिया बंधुओं से बाल अधिकार चौंपियन बनने का आह्वान करते हुए कहा कि पोलियो कैम्पेन की सफलता एवं कोविड की लड़ाई मीडिया के सहयोग के बिना संभव नहीं थी। खसरा और रूबेला उन्मूलन का लक्ष्य भी मीडिया के सहयोग से उत्तर प्रदेश सभी राज्यों से पहले हासिल कर सकता है।
मिशन निदेशक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, अपर्णा यू ने कहा टीकाकरण सेवाओं को और बेहतर बनाने के उद्देश्य से, ई-कवच पोर्टल को डिजाइन किया गया है। इसमें प्रदेश के बच्चों का डेटा दर्ज किया जा रहा है, ताकि सभी बच्चों की नामवार गणना की जा सके और उन बच्चों या समूहों की पहचान की जा सके जिनका टीकाकरण अधूरा रह गया है। महानिदेशक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण उत्तर प्रदेश डॉ रेणु श्रीवास्तव वर्मा ने कहा कि खसरा एवं रूबेला के उन्मूलन के लक्ष्य को पाने के लिए हम सब को एकजुट होकर कार्य करना है और इसमें मीडिया की भूमिका भी अहम है।
प्रदेश में टीकाकरण की स्थिति, विशेष टीकाकरण पखवाड़े की आवश्यकता एवं किए जा रहे प्रयासों के बारे में उत्तर प्रदेश के राज्य प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ अजय गुप्ता एवं महाप्रबंधक नियमित टीकाकरण डॉ मनोज शुक्ल ने प्रस्तुतीकरण दिया एवं समस्त 5 वर्ष से छोटे बच्चों के टीकाकरण का आह्वान किया। कार्यशाला में यूनिसेफ की स्वास्थ्य विशेषज्ञ डॉ कनुप्रिया सिंघल ने टीकाकरण के प्रति विरोध एवं कम्यूनिटी मोबिलाइज़ेशन के विषय में चर्चा की एवं WHO के डॉ मधुप बाजपई ने खसरा रूबेला उन्मूलन के लक्ष्य के विषय में विस्तृत जानकारी दी। कार्यशाला में लगभग 150 व्यक्तियों ने प्रतिभाग किया जिसमें मीडिया के साथ, स्वास्थ्य विभाग, यूनिसेफ WHo UNDP रोटरी आदि सहयोगी संगठनों के प्रतिनिधि शामिल रहे।