लैंड यूज पॉलिसी में यूपी सरकार का परिवर्तन, SDM को 45 दिन में देना होगा डिसीजन

लैंड यूज पॉलिसी में यूपी सरकार का परिवर्तन, SDM को 45 दिन में देना होगा डिसीजन

लखनऊ यूपी सरकार ने लैंड यूज पॉलिसी में बड़ा फेरबदल किया है। यह किसानों के लिए अधिक सुविधाजनक होगी। अब कृषि भूमि पर आशियाना बनाने के लिए किसानों को बार-बार तहसील नहीं जाना पड़ेगा। अब कृषि भूमि पर घर बनाने के लिए, नक्शा पास कराने के लिए और कर्ज लेने के लिए बार-बार तहसील जाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। योगी सरकार ने ऐसी व्यवस्था की है जिसके तहत तहसील के SDM को 45 दिन के भीतर ही कृषि भूमि के उपयोग परिवर्तन पर फैसला देना होगा।

यह 45 दिन का समय तहसील में रजिस्ट्रेशन कराने की तिथि से ही प्रारंभ होगा। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि नियमों के अनुसार कृषि भूमि का दूसरे लाभ के लिए उपयोग सरकार की बिना मंजूरी के नहीं किया जा सकता है। इसलिए उत्तर प्रदेश में किसान को अगर अपनी भूमि पर उद्योग लगाना हो, या उस पर मकान बनाना होता था तो उसे बार-बार सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाने पड़ते थे।

अब प्रदेश सरकार ने व्यवस्था में फेरबदल किया है। तहसील के एसडीएम को अब 45 दिन के समय के भीतर ही कृषि भूमि के उपयोग परिवर्तन पर अपना फैसला देना होगा। अगर 45 दिनों में एसडीएम कोई निर्णय नहीं लेते हैं तो इसे प्रशासन की ओर से हां माना जाएगा। यूपी सरकार ने इसके लिए राजस्व संहिता के नियमों में लैंड यूज पॉलिसी से संबंधित अधिसूचना जारी कर दी है। उत्तर प्रदेश में भूमि-उपयोग परिवर्तन के हजारों मामले लम्बित हैं। ऐसे सभी आवेदनों का 45 दिनों में समाधान करना होगा।

आपको बता दें कि यूपी में बड़ी संख्या में निवेशक औद्योगिक इकाइयां लगाने के लिए कृषकों से सीधे भूमि लेने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन कानूनी मुश्किलों के कारण उन्हें समस्याएं आ रही है। निर्धारित समय सीमा के भीतर ही भूमि-उपयोग परिवर्तन की परमिशन मिलने से निजी प्रोजेक्ट में तेजी आएगी। सरकार के इस निर्णय से जमीनी स्तर पर नए कारोबार करने के सरकार के प्रयासों को सहायता मिलेगी और वे समय-सीमा में अपना कार्य आगे बढ़ा सकेंगे।

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