कूड़ा गाड़ी से मतगणना सामग्री लाने वाले मामले में दो अधिकारी दोषी

कूड़ा गाड़ी से मतगणना सामग्री लाने वाले मामले में दो अधिकारी दोषी

बरेली। उत्तर प्रदेश के बरेली में मतगणना से एक दिन पहले कूड़ा ढोने वाले नगर पालिका वाहन से विधानसभा चुनाव संबंधी सामग्री लाने वाले मामले में एडीएम और एसडीएम दोषी पाए गए हैं।

शासन ने निर्वाचन आयोग से अनुमोदन मिलने के बाद इन दोनों अफसरों के खिलाफ जांच शुरू करा दी है, इसमें कमिश्नर लखनऊ जांच अधिकारी नामित किए गए हैं

बहेड़ी विधान सभा क्षेत्र में मतगणना से एक दिन पहले नियम विरूद्ध तरीके से तहसील बहेड़ी से परसाखेड़ा स्थित मतदान सामग्री के स्ट्रांग रूम में शील्ड मतदान सामग्री के बक्से कूड़ा ढोने वाले नगर पालिका वाहन द्वारा मतगणना के लिये चिन्हित कक्ष में ले जाया जा रहा था। इसकी भनक लगते ही विपक्षी दलों और प्रत्याशियों ने हंगामा कर दिया। राजनैतिक दलों के प्रत्याशियों व अभिकर्ताओं द्वारा वाहन रोक लिया गया और असहज स्थिति उत्पन्न हुयी।

पूरे प्रकरण की जांच कराने के उपरांत जिलाधिकारी/ जिला निर्वाचन अधिकारी बरेली द्वारा गोपनीय जांच रिपोर्ट मुख्य निर्वाचन अधिकारी उत्तर प्रदेश को सौंप दी। मुख्य निर्वाचन अधिकारी द्वारा परीक्षण करने पर अपर जिलाधिकारी प्रशासन/ उप निर्वाचन अधिकारी बरेली वीके सिंह तथा रिटर्निंग अफसर/ उप जिलाधिकारी (एसडीएम) बहेड़ी पारुल तरार को दोषी माना गया है।

जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि इस प्रकरण से राजनैतिक दलों व प्रत्याशियों में भ्रम की स्थिति उत्पन्न हुई और निर्वाचन प्रक्रिया छवि धूमिल हुई है, इसलिए निर्वाचन प्रक्रिया से जुड़े यह दोनों अधिकारी प्रथम दृष्टया दोषी पाये गए हैं।

मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय द्वारा रिपोर्ट शासन को सौंप दी। निर्वाचन आयोग से मिले अनुमोदन उपरांत अपर मुख्य सचिव डॉ देवेश चतुर्वेदी ने इन दोनों अफसरों पर सरकारी सेवक (अनुशासन व अपील) नियमावली 1999 के नियम-7 के अन्तर्गत अनुशासनिक कार्यवाही संस्थित करते हुए आयुक्त, लखनऊ मण्डल, लखनऊ को पदेन जॉच अधिकारी नामित किया है। उक्त संस्थित अनुशासनिक कार्यवाही में आरोप पत्र पृथक से नियमानुसार निर्गत किया जायेगा।

वार्ता

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