मेरठ के दो पशु तस्कर असम में हुई मुठभेड़ में पुलिस की गोली से ढेर

मेरठ के दो पशु तस्कर असम में हुई मुठभेड़ में पुलिस की गोली से ढेर

मेरठ। बांग्लादेश तक अपना जाल फैलाकर गोवंश की तस्करी करते हुए करोडों रूपये का साम्राज्य खडा कर लेने वाले कुख्या गौ माफिया अकबर बंजारा एवं सलमान को असम में हुई मुठभेड़ के दौरान पुलिस द्वारा ढेर कर दिया गया है। एनकाउंटर में पुलिस की गोली का निशाना बने अकबर बंजारा के ऊपर दो लाख रुपए का इनाम घोषित था।

मंगलवार को पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मेरठ के फलावदा कस्बे से पिछले दिनों चेकिंग के दौरान पकड़े गए पशु तस्कर अकबर बंजारा एवं सलमान को असम राज्य में हुए एनकाउंटर के दौरान पुलिस द्वारा ढेर कर दिया गया है। एनकाउंटर में पुलिस के हाथों गोली का निशाना बने अकबर बंजारा के ऊपर पुलिस द्वारा दो लाख रुपए का इनाम भी घोषित किया गया था। दरअसल पुलिस के हाथों मुठभेड़ में पुलिस की गोली का निशाना बना गौ तस्कर अकबर बंजारा एक मामूली सा ड्राइवर था और गौ तस्करी करते करते वह ना केवल तकरीबन एक हजार करोड़ रुपए की संपत्ति का मालिक बन गया, बल्कि उसने नार्थ ईस्ट में गौ तस्करी और गोवंश के मीट का एक ऐसा सशक्त सिंडीकेट बना डाला जिसका मायाजाल देखते ही देखते असम से लेकर पड़ोसी देश बांग्लादेश तक फैल गया।

बताया जा रहा है कि पुलिस के हाथों गोली का निशाना बने अकबर बंजारा के गैंग में तकरीबन 150 से भी ज्यादा सक्रिय सदस्य हैं। बुलंद इरादों वाले अकबर बंजारा के गौतस्करी के क्षेत्र में उतरने के बाद उसके आगे नार्थ ईस्ट के बड़े-बड़े माफियाओं को घुटने टेकने पड़ गए थे। असम पुलिस की ओर से पडौसी देश बंगलादेश का अपना नेटवर्क फैला चुके अकबर बंजारा के ऊपर असम पुलिस द्वारा 200000 रूपये का इनाम भी घोषित किया गया था।

जनपद मेरठ के कस्बा फलावदा का रहने वाला अकबर बंजारा कभी मामूली का ड्राइवर हुआ करता था। वह गौ तस्कर बनने की इच्छा लेकर असम चला गया और वहां जाकर उसने तकरीबन 150 तस्करों का एक सुसंगठित गिरोह बना लिया। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मेरठ जनपद के कस्बा फलावदा में पले बढ़े अकबर बंजारा का जीवन कस्बे की ंतंगहाल गलियों से होकर गुजरा और देखते ही देखते ट्रक ड्राइवर से अकबर बंजारा एक बड़ा डॉन बन गया।

बताया जाता है कि मुठभेड़ में पुलिस की गोली का शिकार हुए अकबर बंजारा ने फलावदा में नगर पंचायत का चुनाव लड़ा था और वह इलेक्शन जीत कर सभासद बन गया था। वर्ष 2015 तक अकबर बंजारा को कोई नहीं जानता था, लेकिन जब वह गौवंश की तस्करी और उसके मांस की आपूर्ति के क्षेत्र में उतरा तो उसने बड़ा नेटवर्क खड़ा करने के लिए कई सफेदपोशों तक से हाथ मिलाया। जिनमें नार्थ ईस्ट का माफिया रवि रेड्डी भी शामिल है।

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