प्रधानों को दिये गांव को स्वच्छ बनाने के टिप्स-क्या गांव से होगी गंदगी दूर?

प्रधानों को दिये गांव को स्वच्छ बनाने के टिप्स-क्या गांव से होगी गंदगी दूर?
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हापुड। पंचायती राज विभाग की ओर से स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के दूसरे चरण के अंतर्गत स्वच्छता प्लान बनाने का डेमो ग्राम पंचायत सबली में किया गया। इस डेमो में 45 गांवों के प्रधान व सचिव ने शिरकत की। सभी ने सीखा कि अपनी ग्राम पंचायत के लिए कारगर स्वच्छता प्लान कैसे बनाएंगे।

मंगलवार को जनपद की ग्राम पंचायत सबली में ग्राम पंचायतों को साफ और स्वच्छ बनाने के लिये आयोजित किये गये डेमों में जिला पंचायत राज अधिकारी वीरेंद्र सिंह ने स्वयं शिरकत की और पूरे कार्यक्रम को लीड किया। विशेषज्ञों ने प्रधानों व सचिवांे को समझाया कि कैसे स्वच्छता प्लान के लिए सामाजिक व संसाधन मानचित्रण करना है। गांव के राजस्व मानचित्र में सामाजिक व संसाधन की स्थिति को विस्तार से प्रदर्शित किया गया। विभिन्न कलर का प्रयोग करते हुए काफी अच्छा सामाजिक व संसाधन मानचित्र बना। कागजों पर तो यह डेमों गांव वालों को काफी रास आया है। अब देखने वाली बात यह रह गई है कि डेमों में सिखाई बाते धरातल पर आती है या नही। क्योकि तकरीबन सभी ग्राम पंचायतों में सफाईकर्मियों की नियुक्तियां की गई है। बावजूद इसके गांव के गलियारे आमतौर पर गंदगी से बजबजाये मिलते है।

जिला पंचायत राज अधिकारी ने सभी को स्वच्छता प्लान के लिए प्रेरित किया। इसके लिए कैसे ग्राम पंचायत में ट्रांजिट वॉक करना है, कैसे डाटा का कलेक्शन करना है, कैसे जरूरत का आंकलन करना है और उसके अनुरूप उस पर कार्य करना है। जोखिम का भी ध्यान रखना है कि जो कुछ हम कर रहे हैं सुरक्षित तरीके से हो।

सबली में डेमो के लिए तीन टीमें बनाई गई थी। एक टीम को डाटा क्लेक्शन के लिए लगाया गया था। दूसरी टीम ने गांव में ट्रांजिट वॉक किया और लोगों से संवाद किया। तीसरी टीम ने सामाजिक व संसाधन मानचित्र पर काम किया। तीनो टीमों ने ग्रामीण सहभागी आंकलन तरीके से अर्थात सभी सूचनाओं व जानकारी गांव के लोगों से ली गई। गांव के लोगों को बताया गया कि उनकी सहभगिता से ग्राम के लिए स्वच्छता प्लान बनना है और उसे सफल कर गांव को स्वच्छ, सुंदर, हरा भरा, सुजल और मॉडल गांव बनाना है। सभी तरह की सुविधाओं से ग्राम पंचायत को पूर्ण करना है।

जिला पंचायत राज अधिकारी ने स्वच्छता प्लान के लिए चयनित 45 ग्राम प्रधानों को कहा कि हर गांव की भौगोलिक स्थिति व जरूरत अलग अलग है। लिहाजा अपनी जरूरत के मुताबिक स्वच्छता प्लान बनाएं।

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