बैंकों को लगाई थी एक अरब की चपत-शिकंजे में फंस ही गया लोन माफिया
गाजियाबाद। बैंक अधिकारियों के साथ मिलीभगत करते हुए प्रॉपर्टी पर गलत तरीके से करोड़ों रुपए का लोन लेने वाले माफिया लक्ष्य तक तंवर व उसके दो साथियों को गाजियाबाद पुलिस ने धर दबोचा है। अरेस्ट किये गये तीनों आरोपियों को कोर्ट में पेश करके जेल भेज दिया गया है। पुलिस ने दावा किया है कि पिछले तकरीबन 9 साल के भीतर गिरफ्तार किया गया लोन माफिया लक्ष्य तंवर बैंकों से तकरीबन सौ करोड रूपये का लोन लेकर उन्हें नुकसान पहुंचा चुका है।
सोमवार को पुलिस की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक करोड़ों रुपए के लोन को गबन करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया मुख्य आरोपी लक्ष्य तंवर और उसके रिश्तेदारों तथा कुछ बैंक अफसरों एवं कर्मचारियों का एक संगठित गिरोह है जो लोगों से कहता है कि हम प्रॉपर्टी की खरीद-फरोख्त करते हैं। लेकिन अपने नाम ज्यादा प्रॉपर्टी नहीं खरीद सकते हैं। इसलिए कुछ प्रॉपर्टी आपके नाम करा देते हैं। इस झांसे में लेकर पहले तो वह विश्वास में लिए गए व्यक्ति को प्रॉपर्टी का मालिक बनवा देते हैं और फिर उसी प्रॉपर्टी पर कई गुना ज्यादा लोन लेकर बैंकों तथा पीड़ितों को चूना लगा देते हैं। लोन की करोड़ों रुपए की रकम की बैंक अफसर से लेकर दलाल तक आपस में बंदरबांट कर लेते हैं। कोतवाली के इंस्पेक्टर अमित कुमार ने बताया है कि मुख्य आरोपी लक्ष्य तंवर, रिश्तेदार शिवम व उसके पिता सुनील कुमार को सोमवार को गिरफ्तार कर लिया गया है। उन्हें कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया गया है। गिरफ्तार किए गए लोन माफिया लक्ष्य तंवर ने कबूला है कि वह बैंकों की मिलीभगत से प्रॉपर्टी को बंधक बनाकर कई गुना ज्यादा लोन प्राप्त कर लेता था। इस तरह वह वर्ष 2013 से अभी तक तकरीबन 100 करोड रुपए का चूना बैंकों को लगा चुका है। लक्ष्य तंवर एवं उसके गैंग के सदस्यों के खिलाफ कुल 22 मुकदमे दर्ज हैं। लोन माफिया लक्ष्य गैंग से जुड़े घोटाले की कुछ एफआईआर सीबीआई गाजियाबाद, सीबीआई देहरादून और ईओडब्लू मेरठ में भी दर्ज है। दोनों जांच एजेंसियां पुलिस से अलग बैंकों से लोन गबन मामले की जांच कर रही हैं।