ज्ञानवापी मस्जिद का मामला निबटा नही-अधिकार पाने की लडाई शुरू
वाराणसी। ज्ञानवापी मस्जिद सर्वे के मामले के बीच काशी विश्वनाथ मंदिर के पूर्व महंत डॉक्टर कुलपति तिवारी ने कहा है कि ज्ञानवापी मस्जिद के तहखाने के भीतर अभी कई और शिवलिंग विराजमान है। वर्ष 1991 में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाए जाने तक पंडित केदारनाथ व्यास वर्ष में एक बार तहखाने में जाकर वहां प्रतिष्ठापित सभी देव विग्रहों का पूजन किया करते थे। अब उनके परिजन सिर्फ श्रंगार गौरी के मसले तक सिमट कर रह गए हैं।
रविवार को काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास परिषद के पूर्व महंत डॉ कुलपति तिवारी अब पूजन श्रृंगार आदि के अधिकार के लिए मुकदमा दायर करने की तैयारी कर रहे हैं। डॉक्टर तिवारी ने कहा है कि विश्वेश्वर मंदिर में पूजा पाठ की जिम्मेदारी उनके पूर्वज ही उठाते रहे हैं। तकरीबन साढे तीन सौ वर्षों के बाद जब बाबा का पुनः प्रकृटीकरण हुआ है तो पूजा पाठ का अधिकार महंत परिवार को मिलना चाहिए।
उन्होंने कहा है कि इस अधिकार के लिए मैं जिला अदालत में वाद दाखिल करने की तैयारी कर रहा हूं। सब कुछ योजना के अनुरूप रहा तो आगामी 23 मई को अदालत में वाद दाखिल हो जाएगा। उन्होंने दावा किया है कि मस्जिद के तहखाने में अभी कई और शिवलिंग विराजमान हैं। वर्ष 1991 में सुरक्षा व्यवस्था बनाए जाने तक पंडित केदारनाथ व्यास वर्ष में एक बार तहखाने के भीतर जाकर वहां सभी देवताओं का पूजन करते थे। अब उनके परिजन केवल श्रंगार गौरी के मसले तक सिमट कर रह गए हैं। ऐसे में विश्वेश्वर लिंग सहित उस परिसर में विराजमान सभी देव विग्रहो के नित्य पूजन अर्चन का अधिकार महंत परिवार को मिलना चाहिए।