खादी शब्द नहीं, विचार हैः शुचिस्मिता

मिर्जापुर। मंडल स्तरीय खादी तथा ग्रामोद्योग साप्ताहिक प्रदर्शनी के उद्घाटन के दौरान मझवां विधायक शुचिस्मिता मौर्या ने कहा कि खादी एक शब्द नहीं, वरन एक विचार है। भारत के कुटीर उद्योगों को प्रोत्साहन देने की महती आवश्यकता है और इसी ओर सरकार अपने कदम बढ़ा रही है। इस दौरान 10 लाभार्थियों को टूल किट वितरित की गई।
जानकारी के अनुसार स्थानीय बीएलजे मैदान में मंडल स्तरीय खादी तथा ग्रामोद्योग साप्ताहिक प्रदर्शनी का उद्घाटन किया गया। कार्यक्रम में पहुंची मझवां विधायक शुचिस्मिता मौर्या ने कहा कि खादी एवं ग्रामोद्योग हमारी सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग के अंतर्गत आने वाली एक शीर्ष संस्था है। उन्होंने कहा कि खादी एक शब्द नहीं, वरन एक विचार है। इसके साथ ही यह भारतीय संस्कृति एवं सभ्यता का परिचायक है। उन्होंने कहा कि खादी एवं ग्रामोद्योग का सबसे बड़ा लाभ यह है कि इसे स्थापित करने में न के बराबर धनराशि लगती है। यह ग्रामीणों के बीच आर्थिक रूप से एक व्यवहारिक कदम है, जो उन्हें उन्नति के मार्ग पर ले जा सकता है। यह रोजगार उपलब्ध कराने, बेचने योग्य सामग्री उपलब्ध कराने का एक सशक्त माध्यम है। इससे आत्मनिर्भरता आती है।

उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी खादी के बहुत बड़े समर्थक थे। उनका कहना था कि खेती किसान का धड़ है और चरखा हाथ पैर है। चरखे के बिना दूसरा उद्योग नहीं हो सकता। यह उसी प्रकार से है कि जिस प्रकार सूर्य डूब जाये, तो दूसरा ग्रह नहीं चल सकता। प्रधानमंत्री द्वारा भी स्वदेशी पर जोर दिया जा रहा है। इसके लिए खादी एक बेहतर विकलप है। इससे आत्मनिर्भर भारत का निर्माण होगा। उन्होंने कहा कि खादी आज भी उतनी ही प्रासंगिक है, जितनी कल थी। भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कुटीर उद्योग को बढ़ावा दिये जाने की महती आवश्यकता है और सरकार इस दिशा में कार्य कर रही है।

प्रदर्शनी के दौरान ओडीओपी के तहत 10 लाभार्थियों को टूल किट वितरित की गई। इस दौरान ऊर्जा राज्य मंत्री रमाशंकर मिश्रा, नगर विधायक रत्नाकर मिश्रा, मंडल अध्यक्ष मनीष गुप्ता, धनंजय पांडेय, जगदीश पटेल, उदयभान तिवारी, अलंकार, जिलाधिकारी, जिला उद्योग अधिकारी डीके चैधरी, खादी ग्रामोद्योग अधिकारी जवाहरलाल के साथ ही अन्य अधिकारी व गणमान्य नागरिक मौजूद रहे।
रिपोर्टः प्रवीण गर्ग

