विवाद की नींव तैयार-भारत बंद का विरोध-सड़क पर उतरे कारोबारी

लखनऊ। उत्तर प्रदेश खाद्य पदार्थ उद्योग व्यापार मंडल के तत्वाधान में इकट्ठा हुए व्यापारियों ने किसानों के प्रस्तावित भारत बंद के खिलाफ सड़क पर उतरते हुए पैदल मार्च निकाला। परिवर्तन चौक से निकाले गए इस मार्च में शामिल हुए व्यापारी अपने हाथों में फूल और स्लोगन व सुझाव लिखी तख्तियां लिए हुए थे। केंद्र सरकार की ओर से लाये गये नये कृषि कानूनों का समर्थन करते हुए कारोबारियों की ओर से कानूनों में कुछ संशोधन किए जाने की मांग उठाई।
रविवार को उत्तर प्रदेश खाद्य पदार्थ उद्योग व्यापार मंडल के प्रदेश अध्यक्ष ज्ञानेश मिश्र की अगुवाई में विभिन्न गल्ला मंडियों के आढती, व्यापारी तथा मंडी के बाहर खाद्य पदार्थों की बिक्री करने वाले लोग अपराहन के समय राजधानी के परिवर्तन चौक पर इकट्ठा हुए। इस दौरान आढती और व्यापारी केंद्र सरकार के नये कृषि कानूनों का समर्थन करते हुए दिखाई दिए। कारोबारियों ने कृषि उत्पादों से जुड़े कृषि बिलों का समर्थन करते हुए उसमें कई संशोधन किए जाने की मांग उठाई। व्यापारियों ने कहा की मंडियों में लिए जाने वाले शुल्क को 0.25 प्रतिशत किया जाए। व्यापारियों ने परिवर्तन चौक से रवाना होने से पहले कृषि कानूनों के समर्थन में नारेबाजी की और उसके बाद फूल व तिरंगा लेकर सत्याग्रह करते हुए राजधानी की सडकों पर पैदल मार्च निकाला। इस दौरान व्यापारियों ने केंद्रीय कृषि मंत्री को संबोधित ज्ञापन प्रशासनिक अधिकारियों को सौंपा। जिसमें नये कृषि कानूनों का समर्थन करते हुए उसमें संशोधन किए जाने के सुझाव दिए गए हैं। गौरतलब है कि सोमवार 27 सितंबर को राष्ट्रीय किसान मोर्चा की तरफ से देशभर में भारत बंद का आहवान किया गया है। जिस तरह से रविवार को राजधानी की सडकों पर व्यापारियों ने नये कृषि कानूनों का समर्थन करते हुए मार्च निकाला है यदि रविवार को भी भारत बंद के दौरान व्यापारियों का यही रूख रहता है और वह किसानों के कहने पर दुकाने बंद नही रखते है तो इससे टकराव की नौबत आ सकती है।
