86 मिनट अपलक सूर्य दर्शन का बुजुर्ग ने बनाया अनोखा रिकार्ड

मथुरा। उत्तर प्रदेश के मथुरा में 70 साल के एक सेवानिवृत्त अधिकारी ने बिना पलक झपकाए लगभग डेढ़ घंटे तक सूर्य को निहारने का अनोखा रिकार्ड कायम किया है।
राधा रेजार्ट मथुरा में हुए इस कार्यक्रम के समापन पर इण्डिया बुक आफ रेकार्ड के एडजुडीकेटर भानु प्रताप सिंह ने बताया कि 27 मार्च को महेन्द्र सिंह वर्मा ने एक घंटा 26 मिनट तक टकटकी लगाकर सूर्य को देखने का रिकार्ड कायम किया है। उन्होंने अपरान्ह तीन बजकर 57 मिनट पर बिना पलक झपकाए सूर्य को देखना शुरू किया तथा पांच बजकर 23 मिनट पर सूर्य को देखना बन्द किया।
एक अगस्त 1951 को जन्मे रिटायर्ड बिक्री कर अधिकारी वर्मा ने कार्यक्रम सम्पन्न होने के बाद पत्रकारों को बताया कि यह मेडिटेसन की एक कठिन प्रक्रिया है जिसे उन्होंने अपने गुरू से सीखा था तथा उन्ही के आशीर्वाद से वे इसे करने में सफल रहे। उनका कहना था कि वे अपना ही रेकार्ड तोड़ने में सफल रहे है।।
भानु प्रताप सिंह ने बताया कि उन्होंने कुछ समय पूर्व ग्लोबल के सामने नंंगी आंखों से एक घंटे तक सूरज को देखने का रेेकार्ड बनाया था। उनका कहना था कि कुछ समय पहले उन्होंने गूगल में सर्च करके पाया था कि इस प्रकार का रेकार्ड मात्र 20 मिनट का है और तभी से उन्होंने इस रेकार्ड को बनाने का निश्चय किया थां।
कार्यक्रम की शुरूवात में कांग्रेस विधान मण्डल दल उत्तर प्रदेश के पूर्व नेता प्रदीप माथुर ने वर्मा को कार्यक्रम की सफलता के लिए अन्य लोगों के साथ शुभ कामनाएं दी तथा बाद में सफलतापूर्वक कार्यक्रम करने के लिए मौके पर ही साधुवाद दिया।
कार्यक्रम के समापन पर नेत्र रोग विशेषज्ञ डा प्रतिभा बंसल ने वर्मा को पढने के लिये किताब का एक अंश दिया जिसे चश्मे का प्रयोग किये बिना उन्होंने पढ़कर सुना दिया।
डा प्रतिभा पे कहा कि सामान्यतया बिना पलक झपकाए टकटकी लगाकर सूरज को दखेने से उसका विपरीत प्रभाव रैटिना पर पडता है और इससे सनबर्न और रैटीनोपैथी हो जाती है मगर वर्मा ने इसका अभ्यास किया है इसलिए वे ऐसा करने में सफल रहे हैं।
वार्ता