शहर कोतवाल व नायब तहसीलदार को अदालत ने सुनाई सजा- न्यायाधीश ने लगा दी रोक

शहर कोतवाल व नायब तहसीलदार को अदालत ने सुनाई सजा- न्यायाधीश ने लगा दी रोक

बाराबंकी। जनपद की अदालत ने अवमानना के मामले में नगर कोतवाल व नायब तहसीलदार को दोषी करार देते हुए सुनाई सजा सुनाई हालांकि अपील के बाद प्रभारी जिला न्यायाधीश ने नीचली अदालत के फैसले पर रोक लगा दी। अवमानना के इस मामले की अगली सुनवाई 27 सितंबर को होगी। फिलहाल इस आदेश के बाद नायब तहसीलदार व कोतवाल जेल जाने से बच गये।




अभियोजन पक्ष के अनुसार बाराबंकी देहात एरिया की भूमि गाटा संख्या 1533 मि0 रकबा 0,1180 हेक्टेयर को उन्होंने जरिये बैनामा 20 सितम्बर 1988 को क्रय की थी। विपक्षी मुबीन,मोहसिना आदि ने जब इस जमीन पर कब्जे का प्रयास किया तो वादी ने सिविल जज कोर्ट 13 पर स्टे के लिये मुकदमा दायर किया था। अदालत ने इसपर स्थगन आदेश पारित कर दिया था। इस मामले में जब विपक्षीगण उक्त भूमि पर हस्तक्षेप करने लगे तो सात जुलाई 2021 को स्थगन आदेश के अनुपालन के लिए प्रार्थना पत्र दिया था। इस पर न्यायालय ने थाना प्रभारी नगर को आदेशित किया,इसके बावजूद छह अगस्त को नायब तहसीलदार ,लेखपाल,कोतवाल ने जाकर जबरन नाप जोख कर खूंटा गड़वाये। वादी के स्थगन आदेश दिखाने पर उन लोगों ने उसे नोच कर फेंक दिया और कहा कि ऐसे ऑर्डर रोज देखते हैं। इसके बाद नौ अगस्त की रात मुबीन वगैरह ने बनाई गई दीवार भी गिरा दी थी।

नगर कोतवाली क्षेत्र के गांव आलापुर निवासी मो0 आलम व शकील पुत्र मुर्तजा ने अवमानना का मामला सिविल जज जीसान मसूद की अदालत में दाखिल किया । अदालत ने अवमानाा मामले में नगर कोतवाल अमर सिंह,तथा नायब तहसीलदार को दोषी करार दिया। न्यायालय ने के पी सिंह को एक माह की कैद तथा नगर कोतवाल अमर सिंह को तीन दिन की सजा से दण्डित किया। अवमानना के इस मामले में कोतवाल व नायब तहसील ने जिला अदालत में अपील की। जिस पर सुनवाई करते हुए प्रभारी जिलाजज नित्यानंद श्री नेत्र ने सिविल जज जीसान मसूद द्वारा पारित आदेश पर फिलहाल रोक लगा दी।

न्यायालय ने इसी मामले में दोषी करार देकर कोतवाल व नायब तहसीलदार को कस्टडी में लेकर सजा सुनाई। प्रभारी जिलाजज ने मजिस्ट्रेट के आदेश पर लगाई रोक। इस मामले में कोतवाल व नायब तहसील द्वारा की गई अपील पर सुनवाई करते हुए प्रभारी जिलाजज नित्यानंद नेत्र ने सिविल जज जीसान मसूद द्वारा पारित आदेश पर फिलहाल रोक लगा दी। मामले की अगली सुनवाई 27 सितंबर को होगी। फिलहाल इस आदेश के बाद नायब तहसीलदार व कोतवाल जेल जाने से बच गये।

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