हिरासत में युवक की संदिग्ध मौत- 5 पुलिसकर्मी सस्पेंड
कासगंज। लड़की भगाने के आरोपी की पुलिस हिरासत में मौत हो जाने के बाद आला अधिकारियों की ओर से पांच पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है। जिनमें इंस्पेक्टर और दो दारोगा भी शामिल है।
बताया जा रहा है कि सदर कोतवाली क्षेत्र के नंगला सैयद अहरौली निवासी चांद मियां का बेटा अल्ताफ मकानों में टाइल्स लगाने का काम करता था। वहां से एक लड़की लापता हो गई थी। लड़की के परिवार वालों ने अल्ताफ पर अपनी बेटी को भगाने का आरोप लगाते हुए पुलिस को तहरीर देते हुए कार्यवाही किए जाने की मांग की थी। कासगंज पुलिस की ओर से पीड़ित परिवार वालों की शिकायत पर 8 नवंबर की रात तकरीबन 8.00 बजे अल्ताफ को हिरासत में ले लिया गया था। 9 नवंबर की शाम को अल्ताफ की सदर कोतवाली में मौत हो गई। मृतक अल्ताफ के पिता चांद मियां ने आरोप लगाया है कि पुलिस उसके बेटे को शक के आधार पर थाने ले गई थी। जहां पर पुलिस वालों ने अल्ताफ की फांसी लगाकर हत्या कर दी है। कासगंज एसपी बोत्रे रोहन ने बताया है कि किशोरी को बहला-फुसलाकर ले ले जाने के मामले में पीड़ित परिवार की ओर से दी गई तहरीर के आधार पर अल्ताफ को गिरफ्तार किया गया था। अल्ताफ ने शौचालय के भीतर अपनी जैकेट के हूड की डोरी से टंकी के पाइप पर लटकते हुए फांसी लगा ली। उसे तत्काल ही सीएचसी पर ले जाया गया। जहां चिकित्सकों ने जांच पड़ताल कर उसे मृत घोषित कर दिया। इस मामले को लेकर इंस्पेक्टर वीरेंद्र सिंह इंदौरिया, दारोगा चंद्रेश गौतम एवं विकास कुमार तथा हेड मुहर्रिर घनेंद्र एवं सिपाही सौरव सोलंकी को निलंबित कर दिया गया है।
गौरतलब है कि आगरा के जगदीशपुरा थाने में 20 अक्टूबर को पुलिस हिरासत में अरुण नामक युवक की मौत हो गई थी। जिसे 17 अक्टूबर को माल खाने के भीतर से 2500000 रुपए चोरी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। इस मामले की जांच कासगंज पुलिस को सौंपी गई थी। लेकिन अब अल्ताफ की पुलिस हिरासत में मौत हो जाने के बाद खुद कासगंज पुलिस अब इस मामले में गिर गई है।