लॉकडाउन में भी गन्ना किसानों के लिए मददगार साबित हो रही है, ERP व्यवस्था : भूसरेड्डी

लॉकडाउन में भी गन्ना किसानों के लिए मददगार साबित हो रही है, ERP व्यवस्था : भूसरेड्डी

लखनऊ उत्तर प्रदेश के आयुक्त, गन्ना एंव चीनी संजय आर. भूसरेड्डी ने बताया कि सहकारी गन्ना समितियों के पर्ची निर्गमन एवं अन्य कार्यों में शुचिता तथा पारदर्शिता लाये जाने हेतु विकसित की गई ई.आर.पी. व्यवस्था लॉकडाउन की अवधि के समय भी गन्ना किसानों के लिए मददगार साबित हो रही है। उन्होने बताया कि इस व्यवस्था में गन्ना कृषकों को समस्त सूचनाएं ऑन लाइन पोर्टल www.caneup.in और E GannaApp के माध्यम से घर बैठ उपलबध हो रही है, तथा गन्ना पर्ची की सूचना एस.एम.एस. से किसानों को उनके मोबाइल पर तत्काल मिल रही है।

भूसरेड्डी ने बताया की ई.आर.पी. के माध्यम से किसानों को समस्त सूचनाएं सुगमता से उपलब्ध हो पा रही है। इस व्यवस्था से किसानों के गन्ने की आपूर्ति लॉकडाउन की अवधि के समय भी चीनी मिलों को सही समय पर हो रही है। उन्होने बताया कि प्रदेश के 40.42 लाख गन्ना आपूर्तिकर्ता किसानों को 5.75 करोड़ गन्ना पर्ची जारी की गई है, जिसमे 9 लाख छोटे किसान है जिन्हे लगभग 25 लाख पर्ची जारी की गई है। 2 करोड 04 लाख बार www.caneup.in वेबसाईट को हिट किया गया हैए वहीं लगभग 6 करोड 88 लाख बार किसानों के आंकडों का अवलोकन किया गया तथा 16 लाख 10 हजार किसानों द्वारा www.caneup.in और E GannaAp डाउनलोड किया गया एवं लगभग 39.81 करोड़ बार ऐप को हिट किया गया।

यह भी उल्लेखनीय है कि प्रभावी शिकायत निवारण हेतु वेबसाइट www.caneup.in और E GannaAp के साथ-साथ इंक्वारी टर्मिनल भी स्थापित किये गये है। गन्ना विभाग द्वारा मुख्यालय पर 24ग7 टोल-फ्री नम्बर 1800-121-3203 की व्यवस्था की गयी है। ई.आर.पी प्रदाता के द्वारा गन्ना पर्ची के संबंधित जानकारी हेतु 24ग7 टाॅल-फ्री नम्बर 1800-103-5823 की स्थापना की गयी है। गन्ना ई.आर.पी. व्यवस्था के अन्तर्गत एस.एम.एस. के आधार पर भी तौल की व्यवस्था होने एवं समितियों के सुदृढीकरण एवं प्रशासनिक सुधार के कारण माफियाओं और बिचैलियों पर अंकुश लगा है। गन्ना आयुक्त द्वारा यह भी बताया गया की मोबाइल पर एस.एम.एस. के माध्यम से गन्ना पर्ची उपलब्ध हो जाने के कारण गन्ना कृषकों को पर्ची के लिए अपने घर से बाहर निकलने की आवश्यकता नहीं पड़ी इससे सोशल डिस्टेंसिंग का पालन होने के साथ-साथ कोरोना महामारी के प्रसार पर भी रोक लगी।

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