अजब गजब-प्रत्याशी और प्रस्तावक राजस्थान और बागपत में पर्चा हो गया वापस
बागपत। जिला पंचायत अध्यक्ष पद का चुनाव किसी बॉलीवुड फिल्म में मुख्य अभिनेता और विलेन की लडाई की तरह लगातार पल-पल रंग बदलते हुए रोचक मोड़ ले रहा है। नाम वापसी के दिन वापिस लिया बताये जा रहे नामांकन को रालोद प्रत्याशी ममता किशोर ने कूटरचित प्रपंच बताते हुए नामाकंन वापसी से इंकार कर अपनी उपस्थिति के बिना नाम वापसी के पत्र को स्वीकार ना किए जाने की प्रार्थना की है। प्रशासन को प्रार्थना पत्र भेजने के अलावा आरएलडी प्रत्याशी ममता किशोर व उनके पति राजकिशोर ने बाकायदा एक वीडियो जारी करते हुए नाम वापसी के मामले को पूरी तरह फर्जी बताते हुए चुनाव आयोग को शिकायती पत्र भेजकर इस मामले में दोषियों के खिलाफ कार्यवाही की मांग की है। नाम वापसी के कूटरचित घटनाक्रम के बाद बंद किये गये कलेक्ट्रेट के बाहर रालोद समेत विपक्षी नेताओं ने डेरा डाल दिया है और घटनाक्रम से गुस्साये लोग गेट फांदकर भीतर पहुंच रहे है। रालोद मुखिया जयंत चौधरी ने भी दलबल समेत कलेक्ट्रेट का रूख कर लिया है।
जिला पंचायत अध्यक्ष पद चुनाव में रालोद उम्मीदवार के तौर पर अपना नामांकन करने वाली जिला पंचायत सदस्य ममता पत्नी जय किशोर की ओर से जिला निर्वाचन अधिकारी और बागपत डीएम को एक प्रार्थना पत्र भेजा गया है। जिसमें बताया गया है कि वह जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए बागपत से आरएलडी उम्मीदवार है और उसका नामांकन पत्र भी स्वीकार हो चुका है। नाम वापसी के दिन ज्ञात हुआ है कि मेरे नाम से नामांकन पत्र वापस लेने के लिए कूटरचित प्रार्थना पत्र-शपथ पत्र तैयार किया गया है। उन्होंने इसे विपक्षियों की चाल बताते हुए कहा है कि मैंने ना तो कोई प्रार्थना पत्र-शपथ पत्र नाम वापसी हेतु दिया है और ना ही इस प्रकार के किसी कागज पर हस्ताक्षर किए हैं। मैं जिला पंचायत अध्यक्ष पद का बागपत से चुनाव लड़ रही हूं। जिन व्यक्तियों ने मेरी नाम वापसी का फर्जी प्रार्थना पत्र-शपथ पत्र दिया है, उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए। मैं फिलहाल बाहर हूं। मेरी उपस्थिति के बिना नाम वापसी संबंधित किसी भी तरह के प्रार्थना पत्र-शपथ पत्र को स्वीकार ना किया जाए। नाम वापसी के मामले का पता चलने के बाद राजस्थान के होटल में ठहरी आरएलडी प्रत्याशी ममता किशोर व उनके पति जय किशोर ने एक वीडियो जारी कर नाम वापसी के मामले को पूरी तरह से फर्जी और भ्रामक बताया है। जय किशोर ने कहा है कि मैं और मेरी पत्नी जनपद बागपत से लगभग 400 किलोमीटर दूर हैं और मेरे साथ साथ ही दोनों प्रस्तावक भी मौजूद हैं। उन्होंने कहा है कि नाम वापसी के फर्जी घटनाक्रम पर चुनाव आयोग से बातचीत करते हुए मामले से अवगत करा दिया गया है।
उन्होंने दो टूक चेतावनी दी है कि यदि जिला पंचायत अध्यक्ष पद की उम्मीदवार उनकी पत्नी ममता किशोर के नाम से दिया गया नाम वापसी का फर्जी शपथ पत्र-प्रार्थना पत्र प्रशासन की ओर से स्वीकार करते हुए दोषियों के खिलाफ कार्यवाही नहीं की गई तो वह कलेक्ट्रेट में आत्मदाह कर देंगे। उधर बताया जा रहा है कि आरएलडी प्रत्याशी ममता किशोर जनपद बागपत से लगभग तीन सौ किलोमीटर दूर राजस्थान के किसी होटल में हैं और वह नाम वापसी के दिन बागपत स्थित कलेक्ट्रेट तक नहीं पहुंची है। रालोद प्रत्याशी ममता किशोर के साथ कई अन्य रालोद व विपक्ष के जिला पंचायत सदस्य भी उसी होटल में मौजूद है। रालोद ने ममता के बजाय किसी अन्य फर्जी महिला के माध्यम से नामांकन वापसी कराने का आरोप प्रशासन के ऊपर लगाया है। उधर यह भी बताया जा रहा है कि बागपत में जिला पंचायत अध्यक्ष पद के आरएलडी प्रत्याशी के नामांकन वापसी को लेकर हुए इस घटनाक्रम के विरोध में रालोद सुप्रीमो जयंत चौधरी भी अपने समर्थकों के साथ कलेक्ट्रेट में पहुंच रहे हैं। बहरहाल मामला कुछ भी रहा हो मगर जनपद बागपत जिला पंचायत अध्यक्ष पद को लेकर राजनीति की एक ऐसी प्रयोगशाला बनता हुआ दिखाई दे रहा है। जहां हो रहे शह और मात के खेल को देखकर राजनीति के बड़े-बड़े जानकार लोग दांतो तले उंगली दबा कर इस खेल में जीत किसकी होगी, किसकी तरफ टकटकी लगाए हुए देख रहे हैं।