योगी सरकार ने की जनतंत्र को जंगलराज से कुचलने की कोशिश- प्रियंका
लखनऊ। कांग्रेस महासचिव और उत्तर प्रदेश की प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा ने आरोप लगाया कि ब्लाक प्रमुख चुनाव में योगी सरकार ने जनतंत्र को जंगलराज से कुचलने की कोशिश की है।
प्रियंका गांधी वाड्रा कहा कि ब्लॉक प्रमुख के चुनावों में भारी- भरकम हिंसा के बाद भाजपा की जीत पर प्रधानमंत्री, गृह मंत्री एवं यूपी के मुख्यमंत्री समेत तमाम लोगों ने अपनी नीतियों की सफलता के क़सीदे पढ़े हालाँकि प्रधानमंत्री समेत पूरी भाजपा ने पार्टी कार्यकर्ताओं, नेताओं एवं विधायकों-सांसदों द्वारा इन चुनावों में की गई हिंसा एवं गुंडागर्दी पर चुप्पी बनाए रखी। भाजपा की हिंसा एवं गुंडागर्दी को पूरे प्रदेश की जनता ने देखा और उस पर नाराजगी भी ज़ाहिर की।
प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि भाजपा जिसे जनता द्वारा अपनी नीतियों पर मुहर लगाना बता रही है, उस प्रक्रिया की बानगी है कि कैसे जनता द्वारा चुने प्रतिनिधियों का अपहरण कर, उनका नामांकन पत्र फाड़कर, गोली, बम, पत्थर चलाकर, पुलिस के साथ मार पीट कर, सत्ता का दुर्पयोग कर भाजपा ने इन चुनावों में जनतंत्र को अपने जंगलराज से कुचलने की कोशिश की।
कांग्रेस महासचिव ने कहा कि इटावा के बढ़पुरा ब्लॉक में एसपी सिटी प्रशांत कुमार को बीजेपी विधायक सरिता भदौरिया के समर्थकों ने थप्पड़ मारा, दर्जनों राउंड फायरिंग की। एसपी सिटी कैमरे पर कहते सुने गए कि भाजपा वाले बम लेकर आए थे। सीतापुर के पहला ब्लॉक पर भाजपा प्रत्याशी के समर्थकों की गाड़ी से असलहा, लाठी-डंडे, ज्वलनशील पदार्थ बरामद हुआ है। एक युवक गिरफ्तार हुआ है। रायबरेली के शिवगढ़ ब्लाक परिसर के बाहर भाजपा नेताओं ने जमकर हंगामा किया। सिद्धार्थनगर के नौगढ़ ब्लाक में भाजपा प्रत्याशी के समर्थकों ने वोटिंग करने जा रहे बीडीसी को पुलिस की मौजूदगी में खींचकर पीटा। उन्नाव के मियागंज ब्लाक में कई बीडीसी सदस्यों को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा गया। लखीमपुर जिले के पसगवां ब्लॉक में गुरुवार को नामांकन के दौरान भाजपा समर्थकों ने विपक्षी दल की एक महिला प्रत्याशी का नामांकन नहीं होने दिया। महिला प्रत्याशी और उनकी प्रस्तावक अनीता की साड़ी खींची गयी और उनसे मार-पीट व धक्का-मुक्की की गई।
उन्होने कहा कि जिस चुनाव की जीत पर प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री सब बधाई दे रहे हैं, उसमें भाजपा नेताओं, कार्यकर्ताओं ने कम से कम 50 से अधिक जगहों पर जमकर हिंसा की। क़ानून एवं प्रशासन मूकदर्शक बना रहा या उसे ऊपर से ऑर्डर देकर चुप करा दिया गया। प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री समेत सभी को पता है कि उप्र भाजपा सरकार की जनविरोधी नीतियों के चलते जनता में भारी नाराज़गी है। अब उन्होंने अपहरण, गोलीबारी, बमबाज़ी, पुलिस के साथ मार पीट कर, सत्ता का दुर्पयोग, महिलाओं से बदतमीज़ी के ज़रिए अपनी विफलता छुपाने का प्रयास किया है।
उन्होंने सवाल किया कि क्या बम, गोली और पत्थर चलाने के भाजपाई कारनामे प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री की निगरानी में हुए। क्या पुलिस प्रशासन को मार खाने के बाद भी चुप रहने को कहा गया था और क्या प्रशासन को साफ़ इशारा था कि सब कुछ देखते हुए भी आँखें मूँद लेना है। क्या भाजपा जान चुकी है कि उसके अंतिम दिन अब क़रीब हैं, इसलिए भारी हिंसा के ज़रिए लोकतंत्र के चीरहरण में व्यस्त है।