भाजपा MLA की कोरोना से मौत के बाद बेटे ने निकाली सरकार पर भड़ास

भाजपा MLA की कोरोना से मौत के बाद बेटे ने निकाली सरकार पर भड़ास

लखनऊ। सरकार तमाम दावे कर रही है कि उनके यहां सब चंगा है मगर जब एक भारतीय जनता पार्टी का विधायक ही अपने आप को समुचित चिकित्सा नहीं दिला पाया तो आप समझ सकते हैं कि आम जनता का क्या हाल हो रहा होगा। विदित हो कि भारतीय जनता पार्टी के विधायक केसर सिंह गंगवार का कोरोना के चलते कल निधन हो गया था। जिसके बाद परिवार वाले आग बबूला हो गए। अपने पिता की मौत पर केसर सिंह गंगवार के बेटे विशाल गंगवार ने यूपी और केंद्र सरकार दोनों को आड़े हाथ लेते हुए फेसबुक पर एक पोस्ट लिखा और सरकार पर जमकर भड़ास निकाली। विशाल सिंह गंगवार ने लिखा

"क्या यही है यूपी सरकार अपने ही विधायक का नहीं करा पा रही कोरोना से इलाज

मैंने कई बार मुख्यमंत्री कार्यालय फोन किया मगर मजाल है जो फोन उठा लिया गया हो

धन्य है UP सरकार धन्य है मोदी जी"



18 अप्रैल को केसर सिंह गंगवार ने देश के केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन को एक चिट्ठी लिखी थी जिसमें उन्होंने लिखा था कि

" आपको आपको सादर अवगत कराना है कि मैं केसर सिंह गंगवार,121- विधानसभा क्षेत्र, नवाबगंज जिला बरेली( उत्तर प्रदेश) 10.04.2021 कुकरोला से संक्रमित हो गया हूं, मेरा उपचार श्री राम मूर्ति स्मारक अस्पताल, भोजीपुरा, बरेली में चल रहा है, अस्पताल के वरिष्ठ चिकित्सकों द्वारा मुझे गहन चिकित्सा व प्लाजमा थेरेपी की सलाह दी गई है।

अतः आपसे अनुरोध है कि मेरी स्वयं की गहन चिकित्सा के दृष्टिगत मुझे तत्काल मैक्स अस्पताल,दिल्ली में एक बैग उपलब्ध करवाते हुए समुचित चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने की कृपा करें।"


आपको अवगत कराना है कि केसर सिंह गंगवार बरेली के नवाबगंज सीट से विधायक हैं बरेली कोई छोटा शहर नहीं है तमाम तरह की सुविधाएं बरेली में उपलब्ध है मगर फिर भी उन्हें दिल्ली जैसे अस्पताल में इलाज कराने की नौबत आन पड़ी थी और शायद इलाज के अभाव में उनको अपनी जान से भी हाथ धोना पड़ा। केसर सिंह गंगवार तो इस दुनिया में नहीं रहे मगर वह जाते जाते एक बड़ा सवाल छोड़ गए भारतीय जनता पार्टी की सरकार और भारतीय जनता पार्टी के नेताओं पर भी कि जब एक नेता का ऐसा हाल है तो आम जनता का तो बुरा हाल होना निश्चित है? परिवार के अनुसार केसर सिंह गंगवार कोई छोटी मोटी हस्ती नहीं रहे। वह एक रसूख वाले विधायक थे, सत्ताधारी पार्टी के विधायक थे। उनकी मौत इलाज के अभाव में होना सिस्टम पर एक बड़ा सवाल खड़ा करता है।




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