बेटे ने रेमडेसीविर के लिए 3 दिन मारे हाथ पांव-नहीं मिलने पर चल बसी मां

बेटे ने रेमडेसीविर के लिए 3 दिन मारे हाथ पांव-नहीं मिलने पर चल बसी मां

वाराणसी। कोरोना वायरस के संक्रमण की दूसरी लहर क्या चली एकदम से बाजार में खाने पीने की वस्तुओं के साथ अवसरवादियों द्वारा दवाइयों तक की कालाबाजारी की जाने लगी है। कोरोना संक्रमित मां को अस्पताल लेकर गया बेटा 3 दिनों तक अपनी मां के जीवन को बचाने के लिए बाजार में रेमडेसीविर इंजेक्शन के लिए धक्के खाता रहा। इंजेक्शन नहीं मिलने पर बेड पर तड़प रही उसकी मां की मौत हो गई।

दरअसल महानगर के अर्दली बाजार निवासी अशोक कुमार की मां की अचानक तबीयत खराब हो गई। उन्हें सांस लेने में भारी कठिनाइयां हो रही थी। परिजन तुरंत ही उसे लेकर पांडेयपुर स्थित एक निजी अस्पताल में गए और इलाज के लिए भर्ती कराया। महिला को ऑक्सीजन देने के बाद चिकित्सकों ने कहा कि उन्हें रेमदडेसीविर इंजेक्शन देना पड़ेगा। अस्पताल में इंजेक्शन नहीं है। डॉक्टरों की सलाह पर अशोक लगातार तीन दिनों तक महानगर के मेडिकल स्टोरों पर रेमडेसीविर इंजेक्शन के लिए धक्के खाता हुआ तलाश करता रहा। परिचितों से भी इंजेक्शन की व्यवस्था कराने का आग्रह किया गया। मगर चारों तरफ से अशोक को निराशा ही हाथ लगी। आखिर में 3 दिन बाद उसकी मां ने अस्पताल में ही दम तोड़ दिया। अस्पताल में भर्ती दो अन्य मरीजों को भी चिकित्सकों की सलाह के मुताबिक रेमडेसीविर इंजेक्शन की जरूरत थी। उनके परिजनों ने भी इंजेक्शन के लिए महानगर में अनेक स्थानों पर अपने हाथ पांव मारे। लेकिन इंजेक्शन की प्राप्ति नहीं हो सकी। हालांकि इनके मरीजों की हालत अब ठीक बताई जा रही है।



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