मनरेगा से बनाये जा रहे सोकपिट से गांवों में कीचड़ से मिल रही निजात
लखनऊ। उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के नेतृत्व व निर्देशन में गांवो में जलजमाव व जलभराव से निजात दिलाने के लिए मनरेगा से नाली निर्माण व आन्तरिक गलियों का निर्माण युद्ध स्तर पर तो कराया ही जा रहा है, साथ ही साथ साकपिट बनाने का कार्य बड़े पैमाने पर कराया जा रहा है।
इससे गांवों में न तो जल भराव होगा और न ही कीचड़ होगा,और न ही जल की बर्बादी होगी। इस कार्य से स्वच्छता अभियान को बल मिल रहा है, साथ ही, जलजमाव से होने वाली वेक्टरजनित व मच्छरों से होने वाली बीमारियों पर भी अंकुश लग रहा है। यही नहीं घरों व अन्य जलस्रोतों से निकलने वाला इस्तेमाल पानी बर्बाद भी नहीं हो रहा, साकपिट में जल संचय करने वाटर हार्वेस्टिंग व रीचार्जिंग में भी मदद मिल रही है। सोकपिट का निर्माण कर स्वच्छता अभियान को भी सफल बनाया जा रहा है। प्रदेशभर में व्यक्तिगत और सामुदायिक सोकपिट का निर्माण तेजी से चल रहा है। जल संचयन और स्वच्छता को लेकर लोगों को जागरूक भी किया जा रहा है। गांव-गलियों में कीचड़-गंदगी न हो इसके लिए सरकार सोकपिट का निर्माण करा रही है। व्यक्तिगत और सामुदायिक तौर पर इन सोकपिट का निर्माण हो रहा है। उप मुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि स्मार्ट सिटी की तरह स्मार्ट विलेज बनाये जायेगे और गांवों को स्मार्ट बनाने के लिए पहले स्वच्छ होना बेहद जरूरी है। सोकपिट के निर्माण से गांवों को स्वच्छ और सुंदर बनाने में बड़ी मदद मिल रही है। गांव-गलियों को कीचड़ से निजात भी मिल रही है। विभाग सोकपिट के निर्माण कार्य को युद्ध स्तर पर कर रहा है।
ग्राम्य विकास आयुक्त जी एस प्रियदर्शी ने बताया गया कि सोकपिट प्रत्येक हैंडपंप और मुख्य नाली के पास बनाए जा रहे हैं। इसके निर्माण को लेकर ग्राम्य विकास विभाग के उच्चाधिकारियों, खण्ड विकास अधिकारियों और गांव स्तरीय कर्मचारियों को पहले से निर्देश जारी हैं। सोकपिट बनाने का कार्य तेजी से जारी है। और गांव को स्वच्छ बनाने में मदद भी मिल रही है।
ग्राम्य विकास विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रदेश भर में जलसंचय को लेकर सोकपिट का निर्माण कार्य जारी है। इस वर्ष सोकपिट निर्माण के करीब 4151 कार्य प्रारंभ कराए जा चुके हैं। वर्ष 2023-23 में सीतापुर, आजमगढ़ और बहराइच निर्माण कार्य में अग्रणी जनपद हैं। सीतापुर में 1172, आजमगढ़ में 793 और बहराइच में 607 सोकपिट का निर्माण कार्य किये गये हैं। पूरे प्रदेश में वर्ष 2022-23 में 12,946 सोकपिट के निर्माण का कार्य पूर्ण हो चुका है। जल संरक्षण और पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए प्रदेशभर में सोकपिट बनाए जा रहे हैं। इससे जहां मनरेगा के तहत ग्रामीण श्रमिकों को रोजगार मिल रहा है, वहीं सोकपिट के माध्यम से भू-जल स्तर में सुधार आने की संभावना भी प्रबल दिखाई दे रही है और पानी भी बर्बाद नहीं होगा। ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के अंतर्गत सोकपिट निर्माण कराने की कार्यवाही की जा रही है।