तालिबानी समर्थक शायर को झटका-कोर्ट की अरेस्टिंग रोक पर हाई इंकार

तालिबानी समर्थक शायर को झटका-कोर्ट की अरेस्टिंग रोक पर हाई इंकार

लखनऊ। महर्षि वाल्मीकि की तुलना तालिबान से करने वाले प्रख्यात शायर की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है। इस मामले में मुकदमा दर्ज होने के बाद हाईकोर्ट की शरण में पहुंचे प्रख्यात शायर को लखनऊ खंडपीठ से भी राहत नहीं मिली है। कोर्ट ने एफआईआर रद्द कराने के साथ ही शायर की गिरफ्तारी पर रोक लगाने से हाई इंकार कर दिया है।




देश के प्रख्यात शायर बताए जाने वाले मुनव्वर राना मौजूदा समय में अपनी शायरी से ज्यादा अपने विवादित बयानों को लेकर आम जनमानस के बीच चर्चाओं में घिरे हुए हैं। उनके विवादित बयान के कारण ही लखनऊ की हजरतगंज कोतवाली में शायर मुनव्वर राना के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज कराया गया है। मुनव्वर राना इस मुकदमे से बचने के प्रयास के तहत इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच की शरण में पहुंचे थे। लेकिन कोर्ट ने शुक्रवार को हुई सुनवाई के दौरान मुनव्वर राना की गिरफ्तारी पर रोक लगाने के साथी हजरतगंज कोतवाली में दर्ज एफआईआर को भी रद्द करने से इंकार कर दिया है। हाईकोर्ट की दो सदस्यीय खंडपीठ ने यह फैसला लिया है। दरअसल तालिबान के पक्ष में बयान देते हुए शायर मुनव्वर राना ने बीते दिनों में महर्षि वाल्मीकि की तुलना तालिबान से कर दी थी। इसके बाद तो लोगों का शायर के ऊपर गुस्सा फूट पड़ा था। इस मामले को लेकर लखनऊ के हजरतगंज कोतवाली में शायर मुनव्वर राना के खिलाफ एससी-एसटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कराया गया था। अखिल भारतीय हिंदू महासभा और सामाजिक सरोकार संगठन ने हजरतगंज थाने में तहरीर देते हुए शहर के खिलाफ कार्यवाही किए जाने की मांग की थी। इस तहरीर के बाद मुनव्वर राना के खिलाफ थाने में एससी-एसटी एक्ट के अलावा कई अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। इस मामले में अंबेडकर महासभा ने भी मांग की थी कि मुनव्वर राणा के खिलाफ कार्यवाही करते हुए मुकदमा दर्ज किया जाए।

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