2022 के लक्ष्य को भेदने रथ से निकलेंगे शिवपाल

2022 के लक्ष्य को भेदने रथ से निकलेंगे शिवपाल

इटावा। उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले मतदाताओं का भरोसा जीतने की कवायद के तहत प्रगतिशील समाजवादी पार्टी अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव सामाजिक परिवर्तन रथ से प्रदेश भ्रमण करेंगे।

सामाजिक परिवर्तन रथ तैयार किये जाने की पुष्टि करते हुए प्रसपा की इटावा ईकाई के अध्यक्ष सुनील यादव ने यूनीवार्ता को बताया कि पार्टी प्रमुख से चल रही बातचीत के मुताबिक यह रथ 15 सितंबर के आसपास उत्तर प्रदेश मे भ्रमण के लिए निकलेगा। रथ सैफई में एसएस मेमोरियल स्कूल परिसर के अंदर कड़ी सुरक्षा के बीच खड़ा हुआ है। रथ के बाहरी ओर सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के अलावा शिवपाल, उनके बेटे आदित्य, जनेश्वर मिश्र, डा. राम मनोहर लोहिया और चौधरी चरण सिंह समेत समाजवादियों की तस्वीरें लगाई गई है।

प्रसपा की ओर से आधिकारिक तौर पर सामाजिक परिवर्तन रथ का कोई कार्यक्रम घोषित नहीं किया गया है लेकिन रथ को देख कर लग रहा है कि शिवपाल यादव और उनके बेटे आदित्य इस रथ के जरिए राज्य में लोगों की ना केवल नब्ज को समझेंगे बल्कि अपने पक्ष में लोगों को लाने की कोशिश करेंगे। सपा अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और उनके चाचा शिवपाल के बीच साल 2017 सत्ता संघर्ष चल रहा है।

2019 के संसदीय चुनाव में शिवपाल सिंह यादव ने प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया का गठन करके पूरे प्रदेश भर में अपने उम्मीदवार उतारे थे और खुद शिवपाल सिंह यादव फिरोजाबाद संसदीय सीट से समाजवादी पार्टी के अधिकृत उम्मीदवार अक्षय यादव के खिलाफ चुनाव मैदान में उतरे थे। यहां शिवपाल को करीब 93000 वोट हासिल हुए थे लेकिन उनकी जमानत जब्त हो गई थी। बेशक शिवपाल की जमानत जब्त हो गई हो लेकिन उनके उतरने से अक्षय यादव चुनाव हार गए और भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार चंद्र सिंह जादौन विजयी निर्वाचित हो गए। इसलिए समाजवादी पार्टी को चुनाव से पहले और चुनाव के बाद भाजपा की बी टीम कह कर संबेाधित किया जाने लगा।

शिवपाल हालांकि हमेशा यह सफाई जरूर देते है कि उनको भाजपा से कोई लेना देना नही है लेकिन शिवपाल इस बात को कईयो दफा स्वीकार कर चुके है कि भाजपा ने उनको पार्टी के शामिल होने का आंमत्रण दिया जिसे उन्होने स्वीकारा नही है। संसदीय चुनाव में प्रसपा की करारी हार के बाद शिवपाल सिंह यादव लगातार समाजवादियों को एक करके समाजवादी पार्टी से गठबंधन करने की वकालत कर रहे हैं । संसदीय चुनाव में करारी हार के बाद अपने बड़े भाई और समाजवादी पार्टी के संरक्षक के मुलायम सिंह यादव के जन्मदिन अवसर पर सैफई में आयोजित समारोह में शिवपाल सिंह यादव ने स्पष्ट तौर पर कह दिया था कि वह पारिवारिक एकता के लिए किसी भी तरीके के समर्पण के लिए तैयार हैं जिसको समाजवादी पार्टी ने कोई तब्बजो नही दी।

होली, दीपावली कई ऐसे अवसर आए जिसमें शिवपाल सिंह यादव और अखिलेश यादव का आमना सामना तो हुआ लेकिन बातचीत संभव नहीं हो सकी। सैफई में ही पूर्व सांसद तेज प्रताप यादव की बहन दीपाली की शादी के अवसर पर भी ऐसा माना जा रहा था कि शिवपाल और अखिलेश के बीच बातचीत संभव है लेकिन यह कयास चर्चाओं तक ही सीमित रह गये।




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