SD कॉलेज ऑफ लॉः शिक्षकों ने आंदोलन के क्रांतिकारियों को किया याद

SD कॉलेज ऑफ लॉः शिक्षकों ने आंदोलन के क्रांतिकारियों को किया याद

मुजफ्फरनगर। एसडी कॉलेज ऑफ लॉ में स्वतंत्रता संग्राम के क्रांतिकारियों को भावभीनी श्रद्धांजलि देते हुए काकोरी रेल आंदोलन की भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में भूमिका पर एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया।

विचार गोष्ठी का आरंभ करते हुए कॉलेज प्राचार्य डॉक्टर रेणु गर्ग ने कहा कि भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के सभी स्वतंत्रता सेनानियों के योगदान से ही हमें स्वतंत्रता प्राप्त हुई है और यह हमारा नैतिक कर्तव्य है कि हम उनके योगदान को स्मरण करते हुए अपनी सच्ची श्रद्धांजलि दी।

कॉलेज निदेशक मंजू मल्होत्रा ने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम की प्रत्येक घटना का अपना एक ऐतिहासिक महत्व है और इन ऐतिहासिक आंदोलन को हमे समय-समय पर याद करते रहना चाहिए जिससे नई पीढ़ी को इनका महत्व पता चले।

इस सभा के मुख्य वक्ता डॉक्टर मुकुल गुप्त ने इससे संबंधित क्रांतिकारियों के जीवन चरित्र पर बोलते हुए कहा कि प्रत्येक क्रांतिकारी का जीवन हम सभी को प्रेरणा देने वाला है निसंदेह आज से 100 वर्ष पूर्व काकोरी में युवाओं द्वारा राष्ट्रभक्ति की भावना से प्रेरित होकर ब्रिटिश साम्राज्य की जड़ों पर सीधा प्रहार किया गया ब्रिटिश सत्ता की नजर में यह एक डकैती थी और ब्रिटिश सत्ता के विरुद्ध राजद्रोह के अपराध मैं इसमें सम्मिलित सभी युवाओं को तत्कालीन सरकार ने सजा दी जिसमे राम प्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्ला खान और ठाकुर रोशन सिंह को फांसी की सजा दी, डॉ मुकुल गुप्त ने बताया कि आज 9 अगस्त का दिन हम विश्व आदिवासी दिवस के रूप में भी मनाते हैं जिसका अर्थ है मूल निवासी दिवस स हम कह सकते है कि प्रत्येक राष्ट्र की सभ्यता और संस्कृति का विकास उस राष्ट्र के मूल निवासी पर ही निर्भर होता है स

कॉलेज स्टाफ से डॉ. अमित चौहान, डॉ. प्रीति लौर, छवि जैन, पूनम शर्मा, बीता गर्ग, डॉ. अभिनव गोयल, अनिता सिंह, प्रदीप सिंघल, संतोष शर्मा, अमित त्यागी, वैभव कश्यप, अमित भारद्वाज, गरिमा तोमर, प्रीती दीक्षित, विपुल कुमार, डॉ. दीपक मलिक, उमेशचंद त्रिपाठी, संजीव कुमार, शुभम सिंघल, विवेक सिरोही एवं मोहम्मद आमिर आदि उपस्थित रहे।

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