बच्चों को ले जाने बजाय स्कूली बसों को अनिवार्य तौर पर करना होगा यह काम

बच्चों को ले जाने बजाय स्कूली बसों को अनिवार्य तौर पर करना होगा यह काम

बरेली। उत्तर प्रदेश में 18 वीं विधानसभा के गठन के लिए चुनाव की तैयारियां शुरू हो चुकी है। पहले चरण की नामांकन प्रक्रिया शुरू हो जाने के बाद अधिकारियों की ओर से दूसरे चरण में होने वाले चुनाव को लेकर तैयारियां शुरू कर दी गई है, जिसके चलते जिला निर्वाचन अधिकारियों द्वारा बैठकें करने का दौर चल रहा है ताकि मतदान के दिन किसी तरह की कोई परेशानी नहीं हो। इसी के अंतर्गत उप जिला निर्वाचन अधिकारी की ओर से जनपद के सभी डिग्री कालेजों के अलावा मेडिकल कॉलेज एवं निजी स्कूल के प्रबंधकों एवं प्रधानाचार्य से कहा गया है कि विधानसभा सामान्य निर्वाचन 2022 की अधिसूचना जारी हो गई है। निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार इस बार ज्यादा से ज्यादा मतदान कर्मियों को बसों के माध्यम से रवाना किया जाना है, इसलिए निर्वाचन कार्य में अपना सहयोग देते हुए अपने अपने संस्थान की सभी बसों को निर्वाचन कार्यों में उपलब्ध कराएं।

उप जिला निर्वाचन अधिकारी वीके सिंह की ओर से जनपद के समस्त डिग्री कॉलेज, मेडिकल कॉलेज एवं निजी स्कूल के प्रबंधकों तथा प्रधानाचार्य को जारी दिशा-निर्देशों के तहत कहा गया है कि जिन स्कूल बसों की फिटनेस सही नहीं है या जो बसे खराब है, उन्हें जल्द से जल्द मरम्मत कराते हुए दुरुस्त कराया जाए और उन बसों का तत्काल फिटनेस सर्टिफिकेट हासिल कर लिया जाए। इस दौरान किसी भी बस को चुनाव कार्य किये बगैर छोड़ा नहीं जाएगा। कलेक्ट्रेट सभागार में हुई निर्वाचन आयोग की बैठक में नगर मजिस्ट्रेट राजेश पांडे के अलावा एआरटीओ प्रवर्तन जेपी गुप्ता, एआरटीओ प्रशासन मनोज कुमार समेत जनपद के सभी स्कूल, कॉलेजों के प्रधानाचार्य मौजूद रहे। इस दौरान उप जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि सभी लोग अपनी बसों के चालकों का चरित्र प्रमाण पत्र जरूर बनवा लें। पूर्व के चुनाव में लगी बसों की धनराशि जिन्हें प्राप्त नहीं हुई है वह मुआवजे की धनराशि को प्राप्त कर लें। इसके अलावा एआरटीओ कार्यालय में कोविड-19 वैक्सीनेशन कैंप लगाया जा रहा है, जिन चालकों का कोविड-19 का टीका नहीं लगा है वह कोविड-19 का प्राथमिकता के आधार पर जरूर लगवा लें।




Next Story
epmty
epmty
Top