बोले चौधरी जयंत- सरकार चाहती है ये सब हम भूल जायें
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के जनपद हाथरस के सादाबाद में आर्शीवाद पथ कार्यक्रम में चौधरी जयंत सरकार पर तंज कसते हुए लखीमुर खीरी में हुए हादसे व हाथरस में हुई घटना के मुद्दा को उठाया। उन्होंने उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ पर कटाक्ष करते हुए कहा कि योगी जी कहते हैं उन्हें बदनाम करने की अंतराष्ट्रीय साजिश की जा रही है।
चौधरी जयंत ने अपने सम्बोधन में कहा है कि आपके आर्शीवाद लेने के लिये स्थान पर मैं खडा हूं, जहां हमेशा किसानों की सभाएं होती रही हैं। जब भी हमने कोई सादाबाद में कोई पंचायत की है तो यहीं की है। यह समय ऐसा है, आपको देखकर एक तरफ मुझे खुशी हो रही है। मैं देख रहा हूं बहुत लोग बैठे-बैठे भावुक हो रहे है, कहीं न कहीं चौधरी अजित सिंह के निधन के बाद पहला मौका मिल रहा है कि हम आमने-सामने हैं और एक-दूसरे को देख पा रहे हैं। ये दुख की घडी इसलिये भी है कि किसानों पर जिस तरह से कठिनाईयों को पहाड़ टूट पड़ा। लोकतंत्र में हमने कभी सोचा नहीं था कि हमें यह दिन देखना पडेगा कि आपके द्वारा बनाई गई सरकार के पाले हुए गुंडे कुछ लोग अन्नदाताओं पर इस तरह से वार करेंगे। सच बताऊं तो लखीमपुर घटना की वीडियो अब सामने आई है मैं उन्हें देख भी नहीं पाया हूं। उनको देखकर ही कुछ न कुछ हो जाता है।
चौधरी जयंत ने कहा कि जिनके अंदर मानवता है सबने यही कहा कि यह बहुत गलत हुआ। सोचना का विषय है कि समाज में किस तरह से दरारें पैदा की गई। कैसी अजीब-सी नफरत लोग पाले हुए हैं। यह सब होने के बावजूद भी कुछ ऐसे लालची लोग हैं, जिन्हें अपनी सत्ता बचानी है। अपनी मानवता को नीलाम करने के लिये तैयार है, धर्म बेचने को तैयार हैं लेकिन सत्ता की गद्दी ना छिन जाये। ऐसे लोगों को भी सर्वसमाज की पंचायत में आप लोग चिन्हित करने का काम करेंगे। चौधरी जयंत ने कहा है कि इन लोगों को एक ही इलाज है आप इन लोगों को सत्ता से बाहर कर दो। वहीं उनकी पूरी जान अटकी पडी है। इससे बेहतर बदला कोई और नहीं हो सकता।
चौधरी जयंत ने कहा कि मैं जहां-जहां जा रहा हूं, वैसे तो बहुत किसान ऐसे हैं जो कुर्बानी देते हैं, उनका जिक्र कहीं आता नहीं। कम से कम लखीमपुर के जो किसान हैं, उनका नाम तो हम जान गये। इसलिये मैं जहां-जहां जा रहा हूं वहां अपने किसान भाईयों को कह रहा हूं उनके नाम याद रखें और उनका नाम लिखकर रखें। उनकी तस्वीर, उनकी याद, उनकी स्मृति को अपने दिल में बैठायें। एक नौजवान थे लवप्रीत, एक दिलजीत सिंह, एक नछत्तर सिंह, एक गुरूविंदर सिंह, एक पत्रकार रमन कश्यप इन पांच लोगों के नाम भूलने नहीं है।
चौधरी जयंत ने कहा है कि यह सरकार चाहती है हम भूल जायें। सरकार ऐसा बता रही है, जैसा कुछ हुआ ही नहीं हो। जो मंत्री हैं दोषी पहले भी उन पर 302 का मुकदमा दर्ज हो चुका। उन्हें गृह राज्यमंत्री बनाया ही क्यों था? मेरे समझ में आती नहीं ये बात, उन्हें इसी बीच दिल्ली भी बुलाया, जिन्हें दण्ड देना चाहिए था, जिन्हें पुलिस के हवाले करना चाहिए था। उन्हें देश के गृह मंत्री अमित शाह ने अपनी बगल में बैठाया और उनकी पीठ थपथपाकर वापस भेज दिया कि तुम अपना काम जारी रखो। कौन-सा वो काम करेंगे। उन्होंने कहा कि पांच दिन लग गये यूपी पुलिस को उनके बेटे को गिरफ्तार करने में और वह गिरफ्तार किया गया नहीं है, वह खुद गया है। उनके घर पोस्टर लगाया कि जब आपको समय मिल जाये तो टहलते-टहलते पुलिस थाने आ जाईये। अगर कोई आम आदमी यह काम करेगा तो उसके साथ ऐसा रवैया होता नहीं और होना भी नहीं चाहिए।
चौधरी जयंत ने कहा है कि मैं तो एक प्रश्न पूछना चाहता हूं उससे पहले आपको बता दूं कि हमारे देश में आंतकवादियों के विरूद्ध एक बहुत बड़ा कानून बना है, जिसका नाम है यूएमपीए। उन्होंने कहा कि लेकिन जो सरकार के खिलाफ आवाज उठाता है, उसके खिलाफ यूएमपीए में मुकदमा दर्ज हो जाता है। हाथरस प्रकरण में बाद कुछ चार-पांच पत्रकार आये थे। योगी जी ने उनके खिलाफ यूएमपीए लगवा दी। हाथरस में हुई घटना की सच्चाई आप सोच लोग जानते हो। ऐसा तो नहीं था कि कोई अंतराष्ट्रीय साजिश थी योगी जी को बदनाम करने की। एक पीड़ित परिवार को आप न्याय पाली से दूर रखना चाहते थे। वो गरीब परिवार है, वो ऐसी कम्युनिटी से आता है, उन्हें पूरी सरकार ने दबाने की कोशिश की। जो पत्रकार आये थे वे बेचाने 6 महीने से बंद हैं। जब से मोदी जी आये हैं जब से 8,300 लोगों पर यूएमपीए के मुकदमें दर्ज हैं यानि 8,300 लोग जेल में बंद हैं।