विधान परिषद के भाजपा उम्मीदवारों में सहारनपुर को जगह नहीं
सहारनपुर। उत्तर प्रदेश विधान परिषद की 12 सीटों के लिये 28 जनवरी को होने वाले चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा अब तक जारी दस उम्मीदवारों की लिस्ट में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के दो प्रत्याशियों को जगह मिली है।
मेरठ जिले के अश्वनी त्यागी और आगरा के धर्मवीर प्रजापति ही वेस्ट से उम्मीदवार बनने में सफल हो पाए है। सहारनपुर पूरा मंडल उपेक्षित रहा है। सपा एमएलसी वीरेंद्र चौधरी भाजपा में शामिल हुए थे। उम्मीद की जा रही थी कि अन्य दूसरे दल-बदलुओं की तरह उन्हें भी भाजपा एमएलसी बनाएगी लेकिन उनको छोड दिया गया। जिस पर राजनीतिक हलकों में हैरत जताई जा रही है।
मुजफ्फरनगर और सहारनपुर जिलों में भाजपा के अनेक कद्दावर और निष्ठावान नेताओं पूर्व सांसद राघव लखनपाल शर्मा, पूर्व भाजपा जिलाध्यक्ष सुरेंद्र शर्मा, मुजफ्फरनगर के पूर्व पालिकाध्यक्ष एवं पूर्व भाजपा जिलाध्यक्ष डा. सुभाष शर्मा, पूर्व मंत्री सुधीर बालियान को एमएलसी बनाए जाने की प्रबल संभावना थी। मेरठ से अश्वनी त्यागी को एमएलसी बनने का अवसर पार्टी ने दिया है। वह विधानसभा चुनाव में पार्टी का टिकट पाने से वंचित रह गए थे। वर्तमान में भाजपा के प्रांतीय महामंत्री है। उससे पूर्व वह भाजपा की पश्चिमी उत्तर प्रदेश इकाई के अध्यक्ष थे। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में त्यागी बिरादरी भाजपा की प्रबंल समर्थक मानी-जाती है लेकिन चुनावों में उम्मीदवार बनाए जाने में सामाजिक समीकरण अनुकूल न होने के कारण उनकी टिकट देने में उपेक्षा होती रही है।
संगठन ने अश्वनी त्यागी कों उम्मीदवार बनाकर उनकी बिरादरी को संतुष्ट करने का काम किया है। पार्टी के एक नेता ने नए चयनित उम्मीदवारों के चयन को उचित ठहराते हुए दावा किया कि वेस्ट यूपी में सभी सदनों में भाजपा का जातीय आधार पर संतुलित प्रतिनिधित्व है। एमएलसी के उम्मीदवारों के चयन में संगठन में कार्यरत वरिष्ठ कार्यकर्ताओं को वरीयता दी गई।