नाबालिक से हैवानियत-सामूहिक दुष्कर्म के 2 दोषियों को कठोर कारावास

नाबालिक से हैवानियत-सामूहिक दुष्कर्म के 2 दोषियों को कठोर कारावास

बुलंदशहर। अपर सत्र न्यायाधीश पोक्सो अधिनियम न्यायालय कक्ष द्वितीय की अदालत ने सामूहिक दुष्कर्म के मामले की सुनवाई करते हुए 2 दोषियों को 20-20 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। अदालत की ओर से 20-20 हजार रुपये का जुर्माना करते हुए दोनों दोषियों को अर्थदंड से भी दंडित किया गया है।

मंगलवार को विशेष लोक अभियोजक एसके शर्मा ने बताया है कि वर्ष 2016 के दौरान जनपद के छतारी थाने पर सामूहिक दुष्कर्म के आरोपी सुशील एवं ध्रुव के खिलाफ नाबालिग पीड़िता के पिता की ओर से सामूहिक दुष्कर्म किए जाने का मुकदमा दर्ज कराया गया था। 15 वर्षीय नाबालिक पीड़िता 16 दिसंबर को खेत पर चारा काटने के लिए गई थी। इसी दौरान आरोपी सुशील एवं ध्रुव सरसों के खेत से निकले और घास काट रही पीड़िता को जबरिया खींचकर खेत के भीतर ले गए। जहां आरोपी ध्रुव ने पीड़िता के साथ छेड़छाड़ की और सुशील ने उसके साथ जबरिया दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया। पीड़िता के परिवार के लोग जब खेत की और पहुंचे तो आरोपी बाइक पर बैठकर वहां से फरार हो गए। पीछा करने पर ग्रामीणों की मदद से दोनों आरोपियों को दबोच लिया गया। पीड़ित परिजनों ने ग्रामीणों की मदद से दोनों आरोपियों को थाने ले जाकर पुलिस के सुपुर्द कर दिया था।

मंगलवार को अपर सत्र न्यायाधीश पोक्सो अधिनियम के न्यायाधीश अरुण कुमार सिंह ने इस मामले में गवाहों के बयान तथा साक्ष्यों का अवलोकन करने के अलावा दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं की दलीलों को सुनकर गैंगरेप के आरोपी सुशील एवं ध्रुव को सामूहिक दुष्कर्म का दोषी पाया। जिसके चलते दोषी सुशील एवं ध्रुव को 20-20 साल कठोर कारावास की सजा सुनाई गई। इसी के साथ दोनों दोषियों पर 20-20 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया गया है।

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