खड़े होकर खाना खाने पर पाबंदी-डीजे बजाने पर नहीं पढ़ाएंगे निकाह
झांसी। मैरिज हाल के भीतर आयोजित की गई मुस्लिम समाज के गणमान्य व्यक्तियों की बैठक में मुस्लिम धर्म गुरुओं की ओर से सर्वसम्मति से फैसला लिया गया कि शादी में डीजे और शराब के इस्तेमाल के साथ बारात चढ़ाई गई या डांस करते हुए ढोल बजाया गया तो उस शादी में कोई भी काजी अथवा इमाम निकाह नहीं पढ़ाएंगे। बैठक में अन्य सामाजिक बुराइयों को दूर करने का भी आह्वान किया गया।
रविवार को महानगर के प्रेम नगर स्थित एक बैंकट हॉल में मुस्लिम समुदाय के गणमान्य व्यक्तियों की बैठक आयोजित की गई। शहर काजी मुफ्ती साबिर ने कहा कि इस्लाम में डांस करना, बारात चढ़ाना, गाना और डीजे एवं ढोल बजाना सब हराम है और इन सब चीजों का इस्लाम में कोई स्थान नहीं है। उन्होंने कहा है कि इन रस्मांे को यदि कोई करता है तो उसके दिल के भीतर ना तो नबी हजरत मोहम्मद की मोहब्बत है और ना ही इस्लाम की। मौजूदा समय में देखा जा रहा है कि शादियों में लोग खड़े होकर खाना खाते हैं। यह पूरी तरह से हराम है। शादियों में इस प्रकार के कृत्यों से पैसे की बर्बादी के साथ गुनाह होना लाजमी है। हम ऐसे कार्यों के ऊपर पाबंदी लगाकर रहेंगे। उन्होंने बताया कि अब कमेटियां गठित कर इस प्रकार की शादियों के ऊपर निगाह रखी जाएगी। ऐसी शादियों में काजी एवं इमाम दूल्हा दुल्हन को निकाह पढ़ाने नहीं जाएंगे।