राम मंदिर जमीन घोटाला-बोले केशव प्रसाद- राम भक्तों के हत्यारे न दे सलाह
लखनऊ। राम मंदिर निर्माण के लिए खरीदी गई जमीन के घोटाले के आरोपो पर अब नया मोड़ आ गया है। अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए गठित ट्रस्ट पर जमीन की खरीद में बड़ा घोटाला करने का आरोप पर उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने समाजवादी पार्टी तथा आम आदमी पार्टी नेताओं को खरी-खरी सुनाई है। केशव प्रसाद मौर्य ने साफ कहा है कि राम मंदिर के आंदोलन के दौरान राम भक्तों की हत्या के दौरान जिन लोगों के हाथ खून से रंगे थे।कम से कम वह लोग तो नैतिकता की बात ना करें तो ठीक है।
अयोध्या के राम मंदिर निर्माण के लिए जमीन की खरीद में गड़बड़ी के आरोप पर भारतीय जनता पार्टी की तरफ से डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने मोर्चा संभाला है। उन्होंने कहा जिनके हाथ राम भक्तों के खून से रंगे है वो सलाह ना दे। अगर वहां पर कहीं पर कोई गड़बड़ी हुई है तो उसकी जांच की जाएगी। जिनके हाथ राम भक्तों के खून से रंगे हैं वो सलाह न दें कि क्या करना है। डिप्टी सीएम ने कहा कि अभी आरोप लगे हैं, अब जांच होगी और अगर कोई दोषी है तो एक्शन लिया जाएगा। ट्रस्ट पर लगे आरोपों की जांच होगी और इस जांच के बाद इस विषय पर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने कहा कि अयोध्या में भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर का निर्माण लगातार जारी है, अतरू बाहरी लोग सलाहकार ना बनें। प्रतापगढ़ में पत्रकार की मौत पर उन्होंने कहा कि घटना की जांच कराई जा रही है। वहां पर सभी अफसरों को निर्देश दिए गए हैं। पुलिस तथ्यों की जांच कर रही है। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट की ओर से कल कहा गया है कि यह आरोप निराधार हैं और राजनीति से प्रेरित हैं। ट्रस्ट के अलावा अयोध्या के मेयर ऋषिकेश उपाध्याय ने भी इन आरोपों को गलत बताया है।
उप मुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा ने कहा कि जो लोग पहले आरोप लगाते थे और कहते थे कि बीजेपी कहती है कि मंदिर वहीं बनाएंगे, लेकिन तारीख नहीं बताएंगे वे आज साजिश के तहत मंदिर नर्माण को रोकने का प्रयास कर रहे हैं। यह राजनैतिक विद्वेष की भावना से उठाया गया कदम है। कैबिनेट बैठक के बाद डॉ दिनेश शर्मा ने जमीन खरीद में धांधली व भ्रष्टाचार के आरोपों को निराधार बताया और कहा कि यह सिर्फ मंदिर निर्माण में बाधा पहुंचाने की साजिश है। कुछ लोग हैं जो यह नहीं चाहते कि मंदिर निर्माण का कार्य जारी रहे। उन्होंने कहा कि जो भी आरोप हैं वह राजनीति से प्रेरित हैं। संबंधित संस्था इसका जवाब देगी।