बढ़ेंगी परेशानियां-3 दिन के सामूहिक अवकाश पर जाएंगे बिजली अफसर
लखनऊ। बिजली इंजीनियरों एवं अभियंताओं द्वारा चलाए जा रहे आंदोलन को गति देने के लिए अब नई रणनीति के तहत बिजली अधिकारी अगले दिनों 3 दिन के सामूहिक अवकाश पर जा रहे हैं। जिसके लिए साढे 4 हजार से अधिक प्रार्थना पत्र एकत्र किए जा चुके हैं। इतना ही नहीं आंदोलनकारी बिजली इंजीनियरों एवं अभियंताआ द्वारा वीडियो कांफ्रेंसिंग एवं बैठक आदि का भी बहिष्कार चल रहा है। ऊर्जा निगमों के बीच चल रहे इस टकराव एवं औद्योगिक अशांति को समाप्त करने के लिए अब मुख्यमंत्री से हस्तक्षेप की अपील की गई है।
उत्तर प्रदेश में बिजली विभाग के जूनियर इंजीनियरों एवं अभियंताओं की ओर से चलाए जा रहे अवज्ञा आंदोलन के दसवें दिन मंगलवार को उप्र के ऊर्जा निगमों में शीर्ष स्तर पर व्याप्त भ्रष्टाचार के विरोध में प्रबन्धन द्वारा तानाशाहीपूर्ण ढंग से अन्याय व उत्पीड़न किये जाने, कारपोरेशन में उत्पन्न किये गये भय के वातावरण में बगैर संसाधनों के तथा अत्यन्त मानसिक कष्ट में कार्य कर रहे सभी अभियन्ताओं व अवर अभियन्ताओं ने समस्याओं का अब तक समाधान न होने जैसे मुद्दों को लेकर चलाये जा रहे आन्दोलन के 10वें दिन भी असहयोग आन्दोलन जारी रखते हुए पूरे प्रदेश में विरोध प्रदर्शन किये।
अवज्ञा आंदोलन के अगले चरण के अंर्तगत अब आगामी 04, 05 एवं 06 अप्रैल को सभी जूनियर इंजीनियर एवं अभियन्ता सामूहिक आकस्मिक अवकाश पर रहेंगे। जिसके लिए प्रार्थना पत्रों को एकत्र किये जाने का सिलसिला जारी है एवं लगभग 4500 प्रार्थना पत्र एकत्र हो चुके हैं जिन्हें जल्द ही प्रबन्धन को सौंपा जायेगा। उप्र के बिजली अभियन्ताओं एवं जूनियर इंजीनियरों ने प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली नई सरकार से प्रदेश की जनता को बेहतर उपभोक्ता सेवा एवं सुचारू विद्युत आपूर्ति प्रदान करने हेतु ऊर्जा निगमों में व्याप्त नकारात्मक, दण्डात्मक, उत्पीड़नात्मक कार्य प्रणाली को समाप्त कर मनोबल बढ़ाने वाली प्रोत्साहनात्मक व स्वस्थ कार्य प्रणाली प्रदान करने हेतु सार्थक हस्तक्षेप किये जाने की अपील की है।
मंगलवार को संगठनद्वय के पदाधिकारियों वी0पी0 सिंह, जी0बी0 पटेल, प्रभात सिंह, जय प्रकाश ने आज जारी बयान में बताया कि बिजली अभियन्ता एवं जूनियर इंजीनियर प्रबन्धन द्वारा की जा रही समीक्षा बैठकों/वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग का बहिष्कार कर रहे हैं। यदि समस्याओं के निस्तारण हेतु सार्थक कार्यवाही नही हुई तो सविनय अवज्ञा आन्दोलन एवं प्रबन्धन के साथ पूर्ण असहयोग के क्रम में आगामी 04, 05 एवं 06 अप्रैल 2022 को घोषित सामूहिक अवकाश हेतु बाध्य होना पड़ेगा जिसके लिए बड़े पैमाने पर आवेदन एकत्र हो रहे हैं जिन्हें जल्द ही प्रबन्धन को सौंपा जायेगा।
उन्होंने बताया कि उ0प्र0 के ऊर्जा निगमों के प्रबन्धन द्वारा ईआरपी प्रणाली खरीद एवं बिजली क्रय करने में उच्च स्तर पर बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ है। ईआरपी प्रणाली पर अरबों रूपये खर्च करने के बाद भी विभागीय कार्यप्रणाली अनुरूप नहीं है, ना ही इसका समुचित प्रशिक्षण दिया गया है और न ही इसके क्रियान्वयन हेतु आवश्यक मूलभूत इंफ्रास्ट्रक्चर एवं मैन पावर दी गयी है। इसके बावजूद निजी कम्पनी द्वारा कारपोरेशन को दिये गये सॉफ्टवेयर के अनुरूप ही दबाव डालकर अभियन्ताओं को कार्य करने हेतु बाध्य किया जा रहा है।
पदाधिकारियों ने आगे बताया कि ऊर्जा निगमों में विद्युत उत्पादन एवं विद्युत आपूर्ति के लिए आवश्यक न्यूनतम मैन, मनी, मैटीरियल उपलब्धता सुनिश्चित किये जाने में ऊर्जा निगम प्रबन्धन पूर्ण रूप से विफल रहा है एवं अपनी विफलता छुपाने के लिए व संसाधनों की मांग करने वालों व विरोध करने वालों पर दण्डात्मक कार्यवाही की जा रही है। इससे जहां प्रदेश सरकार की मंशा के अनुरूप सबको बिजली हरदम बिजली के लक्ष्य को पूर्ण कर पाने में बिजली कर्मियों को काफी दिक्कतें आ रही हैं वहीं दूसरी ओर ऊर्जा निगमों में भययुक्त वातावरण एवं नकारात्मक कार्य प्रणाली स्थापित हो रही है। ऊर्जा निगमों में शीर्ष प्रबन्धन की इस प्रकार की कार्य प्रणाली से समस्त बिजली कर्मियों का मनोबल गिरा हुआ है। यह न तो प्रदेश हित में है और न ही ऊर्जा निगमों के हित में है।
संगठन के पदाधिकारियों ने प्रदेश के लोकप्रिय मुख्यमंत्री मा0 श्री योगी आदित्यनाथ जी से सार्थक हस्तक्षेप की अपील करते हुए मांग की है कि प्रदेश सरकार की भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टोलरेन्स नीति की खुलेआम धज्जियां उड़ाने वाले अरबों रूपये के इस घोटाले एवं ऊर्जा निगमों में शीर्ष स्तर पर व्याप्त कु्रप्रबन्धन के लिए दोषियों के विरूद्ध कठोर कार्यवाही की जाये।