किसान आंदोलन में शांतिपूर्ण धरना दे पार्टी कार्यकर्ता: सपा मुखिया

किसान आंदोलन में शांतिपूर्ण धरना दे पार्टी कार्यकर्ता: सपा मुखिया

लखनऊ। समाजवादी पार्टी(सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने 14 दिसम्बर को किसान आंदोलन के समर्थन में पार्टी कार्यकर्ताओं तथा पदाधिकारियों को शांतिपूर्ण धरना देने का निर्देश दिया है।

अखिलेश यादव ने शुक्रवार को जारी बयान में दोहराया कि उनकी पार्टी किसानों के साथ है और किसानो के समर्थन में सात दिसम्बर से लगातार किसान यात्राएं निकाली जा रही है जिसकी शुरूआत सात दिसम्बर को स्वयं के धरना और गिरफ्तारी से हुई थी। भाजपा द्वारा सत्ता के दुरूपयोग से दमन के बावजूद समाजवादी साथी बड़ी तादाद में अपने-अपने साधनों से पैदल, बैलगाड़ी, मोटर साइकिल या साइकिल से किसान यात्राएं निकाल रहे हैं।

उन्होने कहा कि सड़कों पर ठिठुरते किसान आंदोलनकारियों की जायज मांगों को लेकर भाजपा सरकार हृदयहीन रवैया अपनाए है। किसानों की घोर उपेक्षा की जा रही है। इस पर जो वैश्विक प्रतिक्रिया आ रही है, उससे दुनिया भर में भारत की लोकतांत्रिक छवि को गहरी ठेस पहुंची है।

अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा सरकार के कुशासन व किसान विरोधी नीतियों से प्रदेश का किसान बेहाल और परेशान है। मुरादाबाद में गन्ना मिलों ने किसानों से 180 करोड़ रूपये की खरीदारी की लेकिन गन्ना भुगतान जीरो रहा। फर्रूखाबाद में फसलों को आवारा पशु नष्ट कर रहे है। इटावा में नहरों और रजबाहों में पानी नहीं आने से फसलें सूख रही है।

उन्होने कहा कि भजपा सरकार को घोषणा करने वालों का शोषण करने से बचना चाहिए। बाजार में गेहूं का दाम कम जबकि गेंहू के बीज का दाम ज्यादा है। मंहगे बीज से परेशान किसानों ने इससे किनारा कर लिया है। उन्नत खेती की बात करने वाली भाजपा सरकार का यह अजीब हाल है। पिछले साल के मुकाबले 300 रूपये प्रति कुंतल अधिक गेंहू के बीज का दाम हो गया है।

धान क्रय केन्द्रों में घोर अव्यवस्था दिखाई पड़ रही है। इसमें भाजपा के नेता अपनी दबंगई दिखा रहे हैं। बेचारा किसान कई-कई दिन अपनी बारी का इंतजार करने को मजबूर है। कन्नौज में भाजपा जिला पंचायत सदस्य ने बिना नम्बर लगाए अपने धान की तौलाई मनमाने तरीके से करा ली। वे अपना भुगतान भी हाथों-हाथ ले गए। भाजपा नेता किसानों के हितैषी बनने का झूठा नाटक करते हैं।

अखिलेश यादव ने कहा सरकार को किसानों की बातें माननी चाहिए। उनकी आशंकाओं का निराकरण करने की जरूरत है। सरकार व्यर्थ हठधर्मी कर रही है। किसानों के सैैलाब के आगे कोई टिक नहीं पाएगा। 8 दिसम्बर के भारत बंद के बाद अब 14 दिसम्बर को समाजवादी पार्टी सभी जिला मुख्यालयों पर अहिंसात्मक किसान धरना कार्यक्रम में भागीदारी निभाएगी।

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