पंचायत चुनावः नई आरक्षण सूची पर ग्रहण- सुप्रीम कोर्ट में दी चुनौती
लखनऊ। यूपी पंचायत चुनाव को लेकर एक के बाद एक नया मोड आ रहा है। अब पंचायत चुनाव में आरक्षण के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है। इस याचिका में लखनऊ हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है।
ज्ञातव्य है कि योगी सरकार ने पंचायतीराज अधिनियम में 11वां संशोधन करते हुए पंचायतों में आरक्षण के लिए 11 फरवरी 2021 को शासनादेश जारी किया था। इस प्रक्रिया में वर्ष 1995 को आधार माना गया था। सरकार के इस फैसले के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बैंच में एक जनहित याचिका दायर की गई थी। याचिका में बताया गया था कि पूर्ववर्ती अखिलेश यादव सरकार ने पंचायतीराज अधिनियम में 10वां संशोधन किया था, जिसके तहत 2015 को आधार मानकर पंचायतों में आरक्षण की प्रक्रिया को लागू किया जाये। इस मामले में विगत 15 मार्च को कोर्ट ने 11 फरवरी के शासनादेश को रद्द करते हुए वर्ष 2015 को आधार मानकर आरक्षण की सूची जारी करने के आदेश दिये थे। इसके साथ ही 25 मई तक चुनाव कराये जाने के निर्देश दिये गये थे। इस मामले में अब कुछ याचिकाकर्ताओं द्वारा सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है। इसमें लखनऊ हाई कोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है।