पंचायत चुनाव- आजादी के बाद मुलायम के गांव सैफई में पहली बार मतदान

पंचायत चुनाव- आजादी के बाद मुलायम के गांव सैफई में पहली बार मतदान

इटावा। सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के गांव सैफई में आजादी के बाद पहली बार पंचायत चुनाव का मतदान हो रहा है। आरक्षण के तहत ग्राम पंचायत के एससी में चले जाने के बाद पूर्व सीएम मुलायम सिंह यादव के परिवार ने गांव में निर्विरोध प्रधान की परंपरा को कायम कर रखने की हर संभव कोशिश की, लेकिन कामयाबी नहीं मिल सकी।

दरअसल उत्तर प्रदेश के सैफई ग्राम पंचायत में आजादी के बाद हुए प्रत्येक पंचायत चुनाव में निर्विरोध ग्राम प्रधान चुने जाते रहे हैं। इस बार शासन द्वारा निर्धारित किए गए आरक्षण के तहत ग्राम पंचायत सीट एससी कोटे में आ गई। जिसके चलते मुलायम सिंह यादव के परिवार के लोगों ने एकमत होकर सपा संरक्षक के बेहद करीबी रामफल बाल्मीकि को चुनाव मैदान में उतार दिया। लेकिन रामफल वाल्मीकि के सामने महिला प्रत्याशी विनीता ने अपना नामांकन पत्र दाखिल करते हुए निर्विरोध ग्राम प्रधान की परंपरा के सामने चुनौती पेश कर दी। ग्राम पंचायत के प्रधान पद के लिए 2 उम्मीदवार हो जाने से सैफई गांव में निर्विरोध ग्राम प्रधान चुने जाने की परंपरा को ग्रहण लग गया। इस चुनाव में मुलायम सिंह यादव के परिवार ने अपने उम्मीदवार की जीत के लिए मतदान में पूरे उत्साह के साथ भाग लिया है।

सैफई स्थित राजकीय बालिका इंटर कॉलेज में बनाए गए मतदान केंद्र पर पूर्व सीएम मुलायम सिंह यादव के भाई अभयराम सिंह यादव ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। बताया जा रहा है कि सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के बेहद करीबी माने जाने वाले रामफल वाल्मीकि को गांव का प्रधान बनाने के लिए पूरा सैफई गांव एकमत हो चला है। जिसके चलते सोमवार की सवेरे समाजवादी पार्टी के नेता और बदायूं के पूर्व सांसद धर्मेंद्र यादव, उनके पिता अभय राम सिंह यादव, प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया के राष्ट्रीय महासचिव आदित्य यादव ने अपनी पत्नी राजलक्ष्मी के साथ राजकीय बालिका इंटर कॉलेज में बने मतदान केंद्र पर पहुंचकर अपने मताधिकार का प्रयोग किया। तीनों ने बारी-बारी से मतदान करने के बाद अपनी उंगली पर लगी अमिट नीली स्याही को दिखाते हुए एकजुटता का प्रदर्शन किया।

















Next Story
epmty
epmty
Top