खुला खेल फर्रुखाबादी-चाहिए बसपा का टिकट देने होंगे ढाई करोड़ वीडियो वायरल
अलीगढ। उत्तर प्रदेश में चल रही विधानसभा चुनाव की गतिविधियों के बीच टिकट पाने के लिए राजनीतिक दलों के लोग अपने आकाओं के पास भागदौड़ करने लगे हैं। कई लोग जहां आला नेताओं की सिफारिश के सहारे टिकट की चाहत को पूरा करने में लगे हैं तो वहीं पार्टी के आला नेतागण भी टिकट की चाह रखने वाले लोगों की जेब टटोलने लगे हैं। अलीगढ़ में शहर विधानसभा सीट का टिकट देने के बदले बसपा नेताओं की ओर से ढाई करोड़ रुपए मांगने का मामला सामने आया है। पार्टी नेता ने आला नेताओं पर शहर विधानसभा सीट के बदले ढाई करोड़ रुपए मांगने का आरोप लगाया है। इस बाबत वीडियो एवं बसपा नेताओं की बातचीत की ऑडियो क्लिप भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है।
उत्तर प्रदेश में वर्ष 2022 में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक दलों ने अपनी-अपनी गोटियां फिट करनी शुरू कर दी है। इस बीच टिकट की चाह रखने वाले नेताओं ने भी अपने आकाओं की गणेश परिक्रमा शुरू करते हुए टिकट का जुगाड़ भिडाना शुरू कर दिया है। अलीगढ़ जनपद में एक ऑडियो क्लिप वायरल हो रही है, जिसमें जिला अध्यक्ष रतनदीप ने पूर्व सांसद मुनकाद अली का हवाला देते हुए कहा है कि अब अगर टिकट चाहिए तो दोबारा से पार्टी की नीतियों का पालन करना होगा। 12 मिनट और 44 सेकंड की इस ऑडियो क्लिप में जिलाध्यक्ष रतनदीप और बसपा नेता डॉक्टर मेहराज अली के बीच बहस हो रही है। दूसरी और तीसरी ऑडियो क्लिप में बसपा नेता डॉक्टर मेहराज अली एवं बसपा नेता रणवीर सिंह कश्यप के बीच बातचीत हो रही है। जिसमें पूरा मामला मिल बैठकर सुलझाने की बात कही जा रही है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे दोनों ऑडियों क्लिप लगभग 3.04 और 1.04 मिनट के हैं। उधर बसपा नेता डॉक्टर मेहराज अली ने पार्टी नेताओं के ऊपर शहर विधानसभा सीट के बदले ढाई करोड रुपए मांगने का आरोप लगाया है। अन्यथा पार्टी की ओर से कहा गया है कि इतना धन खर्च करने पर किसी अन्य को टिकट दे दिया जाएगा। उन्होंने कहा है कि वर्ष 2018 में पार्टी के कोआर्डिनेटर रहे रणवीर सिंह कश्यप, महेश चौधरी एवं अन्य नेताओं के भरोसे पर ही उन्होंने तकरीबन 80 लाख रुपए खर्च कर दिए थे। उधर अलीगढ़ मंडल बसपा के मुख्य सेक्टर प्रभारी रणवीर सिंह कश्यप से जब वायरल हो रही ऑडियो एवं वीडियो के संबंध में जानकारी प्राप्त की गई तो उन्होंने बताया कि पार्टी की व्यवस्था के तहत ही लोकसभा और विधानसभा चुनाव का टिकट वितरण होता है। डॉक्टर मेहराज अली राजनीतिक घटनाओं को समझ नहीं पा रहे हैं। उन्होंने जो आरोप लगाए हैं, 3 साल बाद अब उनका कोई मतलब नहीं है। पार्टी ने अभी तक केवल छर्रा विधानसभा के अलावा किसी अन्य सीट पर अपना प्रत्याशी घोषित नहीं किया है। उधर बसपा जिलाध्यक्ष रतन दीप सिंह से जब बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि मैं वर्ष 2020 के सितंबर माह में पार्टी का जिला अध्यक्ष बना हूं। उसी समय से डॉक्टर मेहराज अली पार्टी में सक्रिय नहीं है। पहले क्या हुआ है इस बारे में मैं कुछ नहीं जानता हूं? लेकिन शहर सीट पर अब तक कोई प्रत्याशी घोषित नहीं किया गया है। डॉ मेहराज अली ने किस को क्या दिया है? इस बारे में वही बेहतर बता सकते हैं।