प्रदेश के प्रत्येक विकास खण्ड में एक-एक बागवानी मॉडल गांव होंगे विकसित
लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार किसानों की आय दोगुनी करने के लिए औद्यानिक खेती को बढ़ावा दे रही है। बागवानी करने के लिए किसानों को अनुदानित कर उन्हें प्रोत्साहित भी कर रही है। औद्यानिक खेती की योजनाओं का लाभ किसानों को समय से मिले इसके लिए प्रत्येक स्तर पर पूरी पादर्शिता के साथ उन्हें लाभान्वित किया जा रहा है। कृषि प्रधान प्रदेश में किसानों की माली हालात में सुधार के वगैर प्रदेश विकास नहीं कर सकता। इसी परिप्रेक्ष्य में किसानों के हितों के संरक्षण के लिए प्रदेश सरकार संकल्पित है। प्रदेश के उद्यान एवं कृषि निर्यात राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दिनेश प्रताप सिंह ने आज उद्यान भवन में वीडियों कांफ्रेंसिंग के माध्यम से विभागीय समीक्षा बैठक के दौरान अधिकारियों को निर्देशित करते हुए यह बात कही। उन्होंने निर्देशित किया कि प्रदेश के समस्त न्याय पंचायतों में अभियान चलाकर चौपाल कार्यक्रमों के मध्याम से विभागीय योजनाओं में उपलब्ध सुविधाओं की जानकारी किसानों को पम्पलेट वितरित कर दी जाये। प्रत्येक डीएचओ अपने न्याय पंचायत में अधिक से अधिक किसानों को आमंत्रित कर योजनाओं की जानकारी दें। उन्होंने हर ब्लॉक में एक मॉडल गांव बनाने संबंधी कार्ययोजना की समीक्षा की और कहा कि प्रदेश के समस्त ग्राम पंचायतों तक बागवानी विकास के कार्यक्रमों को पहंुचाने के उद्देश्य से प्रदेश के प्रत्येक विकास खण्ड में एक-एक बागवानी मॉडल गांव विकसित किया जा रहा है। प्रत्येक मॉडल गांव का उपनिदेशक औऱ डीएचओ स्तर के अधिकारी निरीक्षण अवश्य करें। साथ ही जानकारी के लिए मॉडल गांव के बाहर फ्लैक्स बोर्ड लगाया जाये। बोर्ड में दर्शाया जाए कि संबंधित गाँव को मॉडल विलेज के रूप में चिन्हित किया गया है। बोर्ड में योजनाओं का विवरण तथा योजनाओं से चिन्हित किसानो का भी उल्लेख किया जाए।
दिनेश प्रताप सिंह ने निर्देश दिए कि विभाग की रिक्त उपजाऊ भूमि पर आलू, बीज, उत्पादन कार्यक्रम को बढ़ाने के लिए विभागीय प्रक्षेत्रों व उत्पादन इकाइयों के पूर्ण विवरण के साथ परिसम्पत्तियों के लिए पंजिका अनुरक्षित की जाय। उन्होंने उद्यान विभाग की ऐसी भूमि और भवन जो राजस्व के अभिलेखों में अंकित नही है, उसे अंकित कराने का कार्य किया जाय।
उद्यान मंत्री ने निर्देश दिए कि बीज विधायन केन्द्र बस्ती व अलीगंज, लखनऊ का पूर्ण क्षमता के साथ उपयोग किया जाये। उन्होंने नवोन्मेषी कार्यक्रमों के अंतर्गत ड्रैगन फ्रूट, स्ट्राबेरी आदि फसलों का क्षेत्र विस्तार करते हुए गुणात्मक उत्पादन को बढ़ाने पर जोर दिया। किसानों को मंडी के पास कोल्ड रूम बनाये जाने के लिए प्रोत्साहित किया जाय। उन्होंने सभी उपनिदेशकों को माह के पहले सप्ताह मे मण्डलीय बैठक करने के निर्देश दिए। उन्होंने निर्देश दिए कि 'पर ड्राप-मोर-क्रॉप' के अंतर्गत कम प्रगति वाले जनपदों को सप्ताहवार लक्ष्य देकर उसकी समीक्षा की जाय। 20 अक्टूबर तक रबी के फसलों के बीज वितरित कर दिए जाएं। संतोषजनक प्रगति न करने वाले जनपदों के उद्यान अधिकारियों को कारण बताओं नोटिस दिए जाएं।
कृषि उत्पादन आयुक्त मनोज कुमार सिंह ने निर्देश दिया कि विभागीय योजनाओं को अधिक प्रभावी ढंग से लागू करते हुए बागवानी विकास के सभी आयामों को समेकित एवं क्लस्टर के रूप में विकसित किया जाये। सभी उपनिदेशक और उद्यान अधिकारी अपने जनपद में होने वाली औद्यानिक फसलें कितनी मात्रा में हो रही है, उसकी रिपोर्ट उपलब्ध करायें।
समीक्षा बैठक में मधुमक्खी पालन के विकास के लिए एक विशिष्ट सेंटर आफ एक्सीलेन्स, लखनऊ में एवं संरक्षित खेती के अंतर्गत लखनऊ, बाराबंकी, कानपुर, हापुड़ को चिन्हित कर पाली हाउस/शेडनेट हाउस की स्थापना कराये जाने का निर्णय लिया गया। डा. आर.के तोमर, निदेशक, उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ सर्वसंबंधित को निर्दिष्ट बिन्दुओं पर प्रभावी एवं समयबद्ध कार्यवाही हेतु आश्वस्त किया गया।
समीक्षा बैठक में अजय कुमार द्विवेदी, विशेष सचिव, उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण के वरिष्ठ अधिकारीगण, मण्डलीय उपनिदेशक उद्यान एवं जनपदीय उद्यान अधिकारियों द्वारा प्रतिभाग किया गया।