कृषि कानून वापसी पर सतीश द्विवेदी ने कही ये बात
झांसी। उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा राजयमंत्री सतीश द्विवेदी ने कहा कि नये कृषि कानूनों को वापस लिए जाने की घोषणा प्रधानमंत्री मोदी का बेहद साहसिक फैसला है न कि कुछ विधानसभाओं में चुनावों की मजबूरी का परिणाम। यहां भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा के कार्यक्रम में शिरकत करने आये मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी हमेशा से साहसिक निर्णयों के लिए जाने जाते हैं और जिन कृषि कानूनों पर किसानों के कुछ वर्गों की सहमति नहीं बन पा रही थी उस असहमति को स्वीकार करते हुए पीएम मोदी ने कानून वापस लेकर लोकतांत्रिक मर्यादा को उस ऊंचाई को निर्धारित किया है जो किसी भी प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति के लिए दुर्लभ होती है।
जहां तक कुछ राज्यों में विधानसभा चुनाव की मजबूरी के चलते फैसला वापसी के लगाये जा रहे आरोपों का सवाल है तो यह आरोप पूरी तरह से निराधार हैं। उन्होंने साफ कहा कि भारतीय जनता पार्टी कभी चुनाव के आधार पर निर्णय नहीं लेती है। कृषि कानून आने के बाद कई प्रदेशों के चुनाव हुए। खासकर उत्तर प्रदेश में किसान आंदोलन बॉर्डर पर था लेकिन 75 जिलों में से 68 जिलों में भारतीय जनता पार्टी के जिला पंचायत अध्यक्ष बने। चुनाव के नजरिये से इसे बिल्कुल नहीं देखना चाहिए।
इस मामले पर प्रधानमंत्री मोदी की घोषणा के बाद अब किसी स्पष्टीकरण की आवश्यकता नहीं है। उन कानूनों को पारित कर देश की कृषि को आगे ले जाने और किसानों की स्थिति को बेहतर करने, उनकी आमदनी बढ़ाने का सोचा गया था। बिचौलिए जो किसानों का हिस्सा ले जाते थे वह सीधा किसानों के पास पहुंचे इसके लिए यह लागू किए गए थे । लेकिन सरकार इसे स्पष्ट रूप से किसानों तक पहुंचा नहीं पाई और किसानों की असहमति को स्वीकार करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने इन कानूनों को वापस लिया।