सपा में अब नहीं बचा है कोई किसान: कठेरिया

सपा में अब नहीं बचा है कोई किसान: कठेरिया

इटावा। कृषि कानून के विरोध में आंदोलनरत किसानों का समर्थन कर रही समाजवादी पार्टी पर तंज कसते हुये पूर्व केंद्रीय मंत्री और भारतीय जनता पार्टी के सांसद प्रो रामशंकर कठेरिया ने कहा कि मुलायम सिंह यादव वास्तव में धरतीपुत्र हैं, लेकिन आज उनके साथ कोई किसान नहीं है। कठेरिया ने सोमवार को यहां पत्रकारों से कहा कि किसान बिल के खिलाफ आंदोलनरत समाजवादी पार्टी के साथ अब कोई भी किसान नही है । कृषि कानून वास्तव में किसानों के लिए वरदान है लेकिन विपक्ष बिल को लेकर किसानों के बीच भ्रम का माहौल तैयार कर रहा है।

रामशंकर कठेरिया ने कहा कि मोदी सरकार किसानों की आय को बढ़ाने के लिए, अनेक प्रकार की योजनाओं और सेवाओं को शुरू कर रही है जिसके माध्यम से किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार हो सके और किसानों की आय को बढ़ाया जा सके । इन्ही प्रयासों के तहत सरकार एक नया किसान बिल लाई है जो किसानों की फसल, बाजार, फसल मूल्य तथा बाजार मूल्य आदि से जुड़ा हुआ है ।

भाजपा सांसद ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से किसानों के हित में लाया गया बिल अवश्य ही देश के विकास की दिशा एवं दशा को निर्धारित करेगा जिस बिल का विरोध कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी पार्टियों द्वारा किया जा रहा है । यूपीए सरकार में कांग्रेंसी वित्तमंत्री ने खुद कबूल किया था कि मंडी एक्ट में बदलाव की आवश्यकता है और जब उन्ही बदलावों को आज केंद्र सरकार कर रही है तो कांग्रेस सरकार समेत विरोधी दल किसानों को भ्रमित कर अपने राजनैतिक हितों को साधने के लिए आंदोलन करवा रहे है ।

किसान आंदोलन में लगने वाले देश विरोधी नारे, प्रधानमंत्री के लिए अमर्यादित शब्दों का प्रयोग साथ ही साथ खलिस्तान एवं पाकिस्तान समर्थन में लगने वाले नारे खुद ब खुद ही इसे अलोकतांत्रिक आंदोलन बना देते है। कृषि कानून का ज्रिक करते हुए उन्होने कहा कि केंद्र सरकार ने किसानों को देश में कहीं भी फसल बेचने को आजाद किया है। ताकि राज्यों के बीच कारोबार बढ़ेगा। जिससे मार्केटिंग और ट्रांस्पोर्टिशन पर भी खर्च कम होगा। दूसरे किसान बिल पर कठेरिया बोले कि इस बिल में सरकार ने किसानों पर राष्ट्रीय फ्रेमवर्क का प्रोविजन किया गया है। यह बिल कृषि पैदावारों की बिक्री, फार्म सर्विसेज, कृषि बिजनेस फर्मों, प्रोसेसर्स, थोक विक्रेताओं, बड़े खुदरा विक्रेताओं और एक्सपोर्टर्स के साथ किसानों को जुड़ने के लिए मजबूत करता है । कांट्रेक्टेड किसानों को क्वालिटी वाले बीज की सप्लाई यकीनी करना, तकनीकी मदद और फसल की निगरानी, कर्ज की सहूलत और फसल बीमा की सहूलत मुहैया कराई गई है ।

तीसरे बिल की चर्चा करते हुए उन्होने कहा कि इस बिल में अनाज, दाल, तिलहन, खाने वाला तेल, आलू-प्याज को जरूरी चीजो की लिस्ट से हटाने का प्रावधान रखा गया है । जिससे किसानों को अच्छी कीमत मिले।

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