डीएम अजय शंकर का ऐतिहासिक फैसला , बीमा कम्पनी के गले में वसूली का फंदा

डीएम अजय शंकर का ऐतिहासिक फैसला , बीमा कम्पनी के गले में वसूली का फंदा

मुजफ्फरनगर। क्षेत्र के सर्वोन्मुख विकास के प्रति अपनी विशिष्ट कार्यशैली के चलते जनपद के इतिहास में सुनहरे हस्ताक्षर के रूप में अंकित पूर्व जिलाधिकारी डा.प्रभात कुमार, योगेन्द्र नारायण माथुर, मनोज सिंह के नामों की कड़ी में अब जिलाधिकारी अजय शंकर पाण्डेय का नाम भी भष्ट्राचारमुक्त व पारदर्शी प्रशासन, सफाई सहित किसानों व क्षेत्र के विकास के लिए विशिष्ठ कार्यशैली में किये जा रहे कार्यों के कारण दर्ज हो गया है। पहले उन्होंने विभिन्न सरकारी विभागों की आड़ में किये जा रहे भ्रष्टाचार पर वार किया, उसके बाद बेहद गोपनीय माने जाने वाली ट्रांसफर प्रक्रिया को लाटरी सिस्टम अपनाकर पूरी तरह पारदर्शी बनाकर अपनी विशिष्ट कार्यशैली का परिचय दिया है। इसके साथ ही उन्होंने निर्माण एजेंसियों द्वारा कराये जा रहे निमार्ण कार्यों को खुद ठोक बजा कर परखा और निर्माण एजेंसियों को मानक के अनुरूप निर्माण नहीं कराने पर कड़ी कार्यवाही का स्पष्ट संकेत भी दिया है। इतना ही नहीं जिलाधिकारी अजय शंकर पाण्डेय ने पूरी तरह भ्रष्टाचार की भेट चढ़ चुकी टेंडर व वर्क ऑर्डर जारी करने की प्रक्रिया में दखल देकर भ्रष्टाचार पर तगडा वार किया है। इसके साथ ही चाहें गन्ना किसानों के बकाया गन्ना मूल्य भुगतान में चीनी मिलों द्वारा की जा रही हिलाहवेली का मामला हो या मुख्यमंत्री किसान सर्वहित बीमा योजना के 72 दावों का भुगतान करने में बीमा कम्पनी की टालमटोल का मामला हो, जिलाधिकारी अजय शंकर पाण्डेय ने कड़ा रूख अपनाते काम किया है।


बता दें कि जब से जिलाधिकारी के रूप में अजय शंकर पाण्डेय ने जनपद में कार्यभार सम्भाला है, तब से वे लगातार भष्ट्राचार पर वार कर रहे हैं। सबसे पहले उनका ध्यान भ्रष्टाचार का पर्याय बन चुकी सार्वजनिक वितरण प्रणाली पर गया और उन्होंने इसमें हो रहे भ्रष्टाचार के प्रति अपनी नजर टेडी कर ली, जिसके चलते कभी क्षेत्र की सस्ते गल्ले की दुकान को निरस्त कराकर अपने नाम में कराने की होड़ लग जाती थी और इसकी ऐवज में वे लाखों रूपये पानी की तरह बहानेें के लिए तैयार रहते थे, लेकिन जिलाधिकारी अजय शंकर पाण्ड़ेय द्वारा सार्वजनिक वितरण प्रणाली में व्याप्त भ्रष्टाचार पर वार करने के लिए सुनिश्चित की गयी व्यवस्था में आसपास की सस्ते गल्ले की दुकान खुद से सम्बद्ध कराना तो दूर अपनी दुकान भी सरेन्डर करने की तैयारी करने लगे हैं, जबकि पहले गांव की राजनीति का केन्द्र सस्ते गल्ले की दुकान ही होती थी और हर ग्राम प्रधान अपने नजदीकी को उक्त दुकान आंवटित कराने का प्रयास करते थे।



जिलाधिकारी अजय शंकर पाण्डेय ने प्रशासन में भी पारदर्शिता अपनाते हुए भ्रष्टाचार पर बडा वार किया हैं। इसके तहत उन्होंने विगत दिनों विकास विभाग में लगभग दर्जन भर स्थानान्तरण लाटरी सिस्टम अपनाकर पूरी पारदर्शिता से कराये थे। जिलाधिकारी ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय आवास योजना के तहत बनाये जा रहे मकानों की निर्माण सामग्री को खुद मौके पर जाकर परखा, इतना ही नहीं उन्होंने दीवारों को भी खुद हथौडे बजाकर देखा था और निर्माण एजेंसी को मानक के अनुरूप निर्माण नहीं कराने पर कठोर कार्यवाही की चेतावनी भी दी थी।

अब ताजा प्रकरण में जिलाधिकारी अजय शंकर पाण्डेय ने मुख्यमंत्री किसान सर्वहित बीमा योजना के 72 दावों का भुगतान नहीं करने पर बीमा कम्पनी ओरियन्टल इन्श्योरेश कम्पनी के विरूद्व कठोर निर्णय लेते हुए कम्पनी के बैंक खाते सीज करने व कमेटी द्वारा स्वीकृत 72 दावों की धनराशि 3 करोड 60 लाख की वसूली भी बीमा कम्पनी से करने के निर्देश दिये है।

बता दें कि मुख्यमंत्री किसान सर्वहित बीमा योजना के अन्तर्गत किसान की आकस्मिक मृत्यु होने पर 5 लाख तक का बीमा मृतक के आश्रितों को मिलता है। जानकारों के अनुसार बीमा कम्पनी केवल अपना प्रीमियम लेेने में तो रूचि रखती है, लेकिन लाभार्थी को उसका क्लेम देने में आनाकानी करते हुए कई प्रकार की आपत्ति लगाकर दावा निरस्त कर देती है, जबकि दावों के निस्तारण के लिए कमेटी व जिलाधिकारी का निर्णय अन्तिम होता है। जिलाधिकारी द्वारा स्वीकृत दावों का भुगतान किये जाना कम्पनी के लिए बाध्यकारी होता है, परन्तु अब तक इन्श्योरेंश कम्पनी अपनी मनमर्जी पर उतारू थी।

जिलाधिकारी ने बताया जांचोपरान्त यह तथ्य सामने आया कि 72 दावों में कम्पनी द्वारा अभी तक मृतक आश्रितों को भुगतान नही किया गया है, जबकि कमेटी द्वारा दावों को स्वीकृत किया जा चुका था। उन्होंने बताया स्वीकृत दावों की धनराशि 3 करोड 60 लाख है। जिलाधिकारी ने बीमा कम्पनी ओरियंटल इन्श्योरेंश पर कडी कार्यवाही करते हुए बीमा कम्पनी के बैठक खाते सीज करने के साथ 3 करोड 60 लाख की वसूली भी सम्बन्धित बीमा कम्पनी से किये जाने के निर्देश दिये है। जिलाधिकारी की इस कार्यवाही से बीमा कम्पनी मे हड़कम्प मचा हुआ है। जिलाधिकारी ने बताया कि बीमा कम्पनी को ब्लैकलिस्ट कराने की कार्यवाही भी की जायेगी। जिलाधिकारी अजय शंकर पाण्डेय ने कहा है कि बीमा कम्पनी द्वारा किया जा रहा किसानों का उत्पीडन बर्दाश्त नहीं किया जायेगा।





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