पावरलूम बुनकरों को विद्युत दर में छूट प्रतिपूर्ति हेतु शीघ्र लागू होगी नई नीति
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग राकेश सचान ने निर्देश दिए कि केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा संचालित योजनाओं का लाभ हथकरघा बुनकरों को प्राथमिकता से उपलब्ध कराया जाय। उन्होंने कहा कि योजनाओं लाभ आसानी से बुनकरों को मिले इसके लिए ऑनलाइन पोर्टल विकसित किया जाय और प्रदेश के सभी हथकरघा एवं पावरलूम बुनकरों को पोर्टल पर पंजीकृत कराया जाय। उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि मुख्यमंत्री के अपेक्षाओं के अनुरूप छः माह के लिए निर्धारित लक्ष्यों को शत-प्रतिशत प्राप्त करने के हर संभव प्रयास किये जायें।
राकेश सचान आज खादी भवन में हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग विभाग के कार्यों की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश के हथकरघा एवं पावरलूम बुनकरों को प्रोत्साहित करने के लिए झलकारी बाई कोरी हथकरघा एवं पावरलूम विकास योजना शुरू की जायेगी । इसके अंतर्गत राज्य के अनुसूचित एवं अनुसूचित जनजाति के हथकरघा एवं पावरलूम बुनकरों द्वारा संचालित पुराने एवं परंपरागत हथकरघा एवं पावरलूम के स्थान पर उच्चीकृत हथकरघा एवं आटोमेटिक पावरलूम स्थापित कराया जायेगा। इस योजना के तहत अनुसूचित एवं अनुसूचित जनजाति के हथकरघा एवं पावरलूम बुनकरों को तकनीकी प्रशिक्षण, कार्यशाला का निर्माण एवं हथकरघा की स्थापना के लिए राज्य सरकार 80 प्रतिशत अनुदान देगी। उन्होंने इस योजना का कैबिनेट नोट यथाशीघ्र प्रस्तुत करने निर्देश दिए हैं।
राकेश सचान ने यह भी कहा कि पावरलूम एवं हथकरघा बुनकरों की परंपरागत ऊर्जा स्रोत (बिजली) पर निर्भरता कर करने के लिए मुख्यमंत्री बुनकर सौर ऊर्जा योजना प्रस्तावित है।। इसके तहत बुनकरों को अनुदानित दर पर लूम संचालन हेतु सोलर इन्वर्टर दिये जायेंगे। उन्हांेने कहा कि पावरलूम बुनकरों को विद्युत दर में छूट प्रतिपूर्ति हेतु शीघ्र ही नयी नीति लागू की जायेगी। उन्होंने इस नीति के प्रस्ताव की गहन समीक्षा और निर्देश दिये कि नीति को अंतिम रूप दिये जाने हेतु बुनकरों संगठनों के साथ बैठक कर उनको सभी बिन्दुआंे से अवगत करा दिया जाय। बुनकरों से विचार-विमर्श करके ही नई नीति लागू की जायेगी। इसके अतिरिक्त उन्होंने अन्य संचालित सभी योजनाओं की विस्तार से समीक्षा की और आवश्यक निर्देश भी दिये।
बैठक में अपर मुख्य सचिव, हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग अमित मोहन प्रसाद सहित वरिष्ठ विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।