सस्ता हुआ सरसों तेल व रिफाइंड- घटने लगी कीमतें
गोरखपुर। पिछले एक माह से आसमान छू रही सरसों तेल में रिफाइंड की कीमतें अब काबू में आने लगी है अब इनकी कीमतों में गिरावट देखी जा रही है दरअसल मई माह में सरसों का तेल में रिफाइंड दिनों दिन बढ़ रहा था जिसके कारण सरसों के तेल और रिफाइंड की डिमांड भी घटने लगी थी लोगों का बजट बिगड़ने लगा था इसलिए उन्होंने सरसों का तेल में रिफाइंड का उपयोग कम कर दिया था। सरसो का तेल 90 रुपये से बढ़कर 175 रुपये प्रति लीटर मूल्य होने के बाद इसका थोक मूल्य अलग-अलग ब्रांड में अब 152 रुपये से 158 रुपये के बीच आ गया है। 1 से 2 दिन में फुटकर बाजार में नए रेट पर तेल मिलने लगेगा। तेल की बढ़ती कीमतों के कारण आम आदमी की रसोई तक प्रभावित हुई थी। जिसकी वजह से लोग सरकार पर भी जमकर निशाना साध रहे थे। मगर तेल की बढ़ती कीमतों की वजह से लोगों ने तेल का ही उपयोग कम कर दिया था, जिसकी वजह से तेल कंपनियों को बैकफुट पर आना पड़ा और अपने बड़े मूल्यों को वापस लेना पड़ा।
बीते कुछ दिनों से महंगाई ने रसोई का बजट बिगाड़ रखा था। पहले आलू, प्याज, दाल और फिर खाद्य तेलों की बढ़ती कीमतों ने खाने का जायका कम कर दिया था। बीते दो माह से रिफाइंड एवं सरसों के तेल में आग लगी हुई थी। पिछले वर्ष अप्रैल-मई में सौ रुपये लीटर बिकने वाला सरसों का पैक्ड तेल 185 रुपये लीटर पहुंच गया था। इसी तरह रिफाइंड भी 90 से बढ़कर 175 रुपये बिकने लगा। इधर, एक सप्ताह से तेल की कीमतों में कमी आई है। शनिवार को थोक मंडी में ब्रांडेड पैक्ड सरसों का तेल 152 से लेकर 158 रुपये के बीच बिका।
इसी तरह रिफाइंड भी 150 रुपये लीटर के आसपास आ गया है। कीमत में गिरावट का असर दो दिन बाद फुटकर बाजार में देखने को मिलेगा। थोक कारोबारी संजय कुमार ने बताया कि जिले में सरसों और रिफाइन तेल की आवक बरेली, राजस्थान के भरतपुर और मध्य प्रदेश से होती है। बीच में कीमत काफी बढ़ गई थी, अब धीरे-धीरे कम होने लगी है।
इससे व्यवसायियों के साथ-साथ आम लोगों को थोड़ी राहत मिलेगी। तेल की मांग कम होने के चलते भी कीमतों पर असर पड़ा है। बेनीगंज के किराना कारोबारी राजेश ने बताया कि दाल के बाद सरसों के तेल का दाम कम हाे रहे हैं। दाम बढ़ने से तेल की बिक्री 20 फीसद तक कम हो गई थी।