आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत MSME कराती है रोजगार मुहैया : डॉ. नवनीत सहगल
लखनऊ । अपर मुख्य सचिव, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम डॉ. नवनीत सहगल ने गोमती नगर स्थित बैंक ऑफ बड़ौदा के जोन कार्यालय में आयोजित राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति की अध्यक्षता की। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि जब भारत सरकार इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम के तहत लोन के सापेक्ष 100 फीसदी गारंटी उपलब्ध करा रही है, तब बैंकों को ऋण वितरण में संकोच नहीं होना चाहिए।
डॉ. नवनीत सहगल ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा भी प्रदेश के समस्त स्ट्रीट वेंडर्स को चिन्हित किया जा चुका है। ऐसी स्थिति में अभियान चलाकर समस्त पात्र वेंडर्स को ऋण दिया जाना चाहिए। उन्होंने बैंकर्स को भारत सरकार द्वारा स्ट्रीट वेंडर्स के लिए घोषित योजना के संबंध में अवगत कराते हुए कहा कि भारत सरकार ने इसके सफल क्रियान्वयन हेतु समर्पित ई-पोर्टल विकसित किया है। उन्होंने कहा कि इस योजना में निजी बैंकों को भी बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेना चाहिए। जब तक इकाइयों को समय से ऋण उपलब्ध नहीं हो पाएगा, तब तक योजना का मुख्य उद्देश्य पूरा नहीं होगा।
उन्होंने कहा कि आगामी 15 जुलाई तक समस्त पात्र इकाइयों को ऋण स्वीकृति प्रदान कर दी जाए, ताकि 20 जुलाई तक मुख्यमंत्री के कर-कमलों से ऋण वितरण का कार्यक्रम सम्पन्न कराया जा सके।
अपर मुख्य सचिव, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम डॉ. नवनीत सहगल ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम से प्रदेश की अधिक से अधिक एम.एस.एम.ई. इकाइयों को लाभान्वित किया जाए। उन्होंने कहा कि लगभग 30 प्रतिशत इकाइयां कैश क्रंच के कारण पूरी क्षमता से उत्पादन नहीं कर पा रही हैं। इनको समय से मदद देना बैंकर्स की प्राथमिकता होनी चाहिए।
डॉ. नवनीत सहगल ने कहा कि इण्डस्ट्री से मिली फीड बैक के अनुसार बैंकों द्वारा लोन देने में ज्यादा कागजी कार्यवाही की जा रही है, इससे ऋण स्वीकृत होने में काफी विलम्ब हो रहा है। उन्होंने कहा कि पिछले साल एम.एस.एम.ई. ने लक्ष्य से ज्यादा उपलब्धि हासिल की है। एम.एस.एम.ई. राज्य की इकोनॉमी बढ़ाने के साथ ही लोगों को अधिक से अधिक रोजगार मुहैया कराती है।बैठक में बैंकर्स द्वारा अवगत कराया कि अब तक 3.32 लाख इकाइयों को ऋण स्वीकृति पत्र जारी किया जा चुका है। इनमें से 1.35 लाख इकाइयों को ₹3,442 करोड़ का लोन दिया जा चुका है।