लोक अदालत में तीन लाख से ज्यादा मामलों का किया गया निस्तारण
मुज़फ्फरनगर। जिला न्यायालय में आयोजित शनिवार को राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया। लोक अदालत का शुभारंभ जनपद न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, मुजफ्फरनगर विनय कुमार द्विवेदी द्वारा दीप प्रज्जवलित कर किया गया।
जनपद न्यायाधीश द्वारा अपने सम्बोधन में यह कहा गया कि लोक अदालत का मुख्य उद्देश्य वादकारियों को सरल, सुलभ एवं त्वरित न्याय प्रदान करना है। राष्ट्रीय लोक अदालत की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए जनपद न्यायाधीश द्वारा यह कहा गया कि लोक अदालत में होने वाले फैसले में हार जीत का कोई प्रश्न नहीं रह जाता है, क्योंकि जब वादकारी आपसी समझौते के आधार पर वाद का निस्तारण करते हैं तो उनके मध्य आपसी सौहार्द बना रहता है एवं उनके अमूल्य समय की बचत भी होती है।
एम.ए.सी.टी. की पीठासीन अधिकारी आदेश नैन द्वारा अपने सम्बोधन में यह कहा गया कि लोक अदालत के माध्यम से मोटर दुर्घटना प्रतिकर के मामलों के निस्तारण में तेजी आयी है।
लोक अदालत के नोडल अधिकारी अपर जिला जज शक्ति सिंह द्वारा अपने सम्बोधन में यह कहा गया कि राष्ट्रीय लोक अदालत ‘‘न्याय सबके लिए’’ की परिकल्पना को चरितार्थ कर रही है। उनके द्वारा यह कहा गया कि लोक अदालत विवादों को समझौते के माध्यम से निपटाने का एक महत्वपूर्ण मंच है तथा त्वरित न्याय प्राप्त करने का एक अत्यन्त महत्वपूर्ण साधन है।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण मुजफ्फरनगर के सचिव अनिल कुमार द्वारा यह बताया गया है कि इस राष्ट्रीय लोक अदालत में कुल 03 लाख 29 हजार 808 प्रकरण निस्तारित किये गये।
जिला अधिकारी मुजफ्फरनगर अरविन्द मलप्पा बंगारी के नेतृत्व में राजस्व अधिकारियों द्वारा भी बड़ी संख्या में प्रकरणों का निस्तारण किया गया। इस राष्ट्रीय लोक अदालत में विभिन्न बैंकों के द्वारा 1343 बैंक ऋण मामले निस्तारण कराकर लगभग 15 करोड़ 88 लाख 43 हजार रूपये की धनराशि का सेटलमेंट किया गया। आज की लोक अदालत में कई सामाजिक कार्य भी सम्पादित किये गये तथा दिव्यांगजनों को ट्राईसाईकिल वितरित की गयी। लोक अदालत में पेंशन शिविर लगाने के साथ ही आने वाले समस्त वादकारियों के स्वास्थय परीक्षण की व्यवस्था हेतु एक चिकित्सीय कैम्प भी लगाया गया। साथ ही जेल में निरुद्ध महिला बन्दीयों द्वारा बनाये गये विभिन्न प्रकार के उत्पादों के विक्रय हेतु एक स्टाॅल भी लगाया गया।
इस अवसर पर अपर जनपद न्यायाधीश प्रथम रजनीश कुमार, अपर जिला जज गोपाल उपाध्याय, बाबूराम, कमलापति, अशोक कुमार, शाकिर हसन, सीताराम, हेमलता त्यागी, अलका भारती, कनिष्क कुमार सिंह, रितिश सचदेवा, रीमा मल्होत्रा, दिव्या भार्गव, अंजनी कुमार सिंह, मंजुला भलोटिया, नेहा गर्ग, निशान्त सिंगला, मनोज कुमार जाटव, अपर जनपद न्यायाधीश एवं नोडल अधिकारी, लोक अदालत शक्ति सिंह, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव अनिल कुमार, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट आकांक्षा गर्ग सहित समस्त न्यायिक अधिकारी, समस्त बैंको के अधिकारी एवं बडी संख्या में वादकारी उपस्थित रहे।