मिनिस्टर शाही ने बेहतर कृषि पर किया मंथन- सैंकड़ों किसानों ने लिया प्रतिभाग
लखनऊ। राज्य स्तरीय खरीफ उत्पादकता गोष्ठी 2023 का आयोजन कृषि उत्पादन आयुक्त की अध्यक्षता में कृषि निदेशालय के प्रेक्षागृह में किया गया। गोष्ठी में मुख्य अतिथि के रूप में सूर्य प्रताप शाही, कृषि मंत्री के साथ अध्यक्ष उपकार, महानिदेशक उपकार, बीज विकास निगम बीज प्रमाणीकरण, उद्यान विभाग, पशुपालन विभाग के निदेशकगण और पीसीएफ, सिंचाई, विद्युत आदि विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा प्रतिभाग किया गया। गोष्ठी में प्रदेश के विभिन्न जनपदों से लगभग 500 किसानों द्वारा प्रतिभाग किया गया।
कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही द्वारा गोष्ठी में फसलों की खेती के साथ-साथ बागवानी एवं साग-सब्जी की खेती पर बल दिया गया। इससे प्रदेश की खाद्यान्न उत्पादन में वृद्धि के साथ पोषण सुरक्षा भी सुनिश्चित होगी। खेती के विभिन्न क्रियाकलापों को सुगमता से करने के लिए कृषि यंत्रों का उपयोग कर तथा विभिन्न फसलों की उन्नतशील प्रजातियों एवं तकनीकी को अपनाकर किसान अपनी आमदनी आसानी से बढ़ा सकते हैं। इसमें कृषि विविधीकरण की भी महत्वपूर्ण भूमिका है। इसे अपनाकर किसान अपने खेत की उर्वराशक्ति को बिगड़ने से बचा सकते हैं। किसानों को सिंचाई सुविधा सुगम करने हेतु इस वर्ष 30,000 सोलर पम्प उपलब्ध कराने का लक्ष्य है। इससे किसान बिना किसी बाधा के साल भर अपने खेतो की सिंचाई कर सकते है तथा अपने खेत में फसलों के साथ साग सब्जियाँ भी उगा सकते है।
वर्ष 2023 को अन्तर्राष्ट्रीय मिलेट्स के रूप में मनाया जा रहा है। मिलेट्स को बढ़ावा देने के उद्देश्य से किसानों को मिलेट्स के बीज भी मिनीकिट के रूप में निःशुल्क उपलब्ध कराये जा रहे है। प्रदेश भर में सावां, कोदो, ज्वार, बाजरा एवं रामदाना के एक लाख मिनीकिट वितरित किये जायेंगे। इसके अतिरिक्त दलहन में मूंग, उर्द और अरहर के 3.81 लाख तथा तिलहन में मूंगफली एवं तिल के 12 लाख मिनीकिट किसानों को निःशुल्क वितरित किये जायेंगे। इससे प्रदेश दलहन एवं तिलहन में आत्म निर्भरता की ओर बढ़ेगा।
इस अवसर पर कृषि उत्पादन आयुक्त मनोज कुमार सिंह ने बताया कि प्रदेश में खेती योग्य कृषि भूमि पर आच्छादन बढ़ाने का लक्ष्य है, इसलिए खरीफ फसलों के उत्पादन एवं उत्पादकता पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। उन्होंने किसानों से समय से खेती की तैयारी करने का सुझाव दिया ताकि अधिकतम उत्पादकता प्राप्त की जा सके। फार्म मशीनों के वितरण में और अधिक पारदर्शिता लाने हेतु अब ब्लाक स्तर पर लक्ष्य आवंटित कर पोर्टल के माध्यम से किसानों को उपलब्ध कराया जायेगा। पीएम किसान योजना अन्तर्गत प्रत्येक पात्र किसान तक लाभ पहुँचाने के लिए दिनांक 24 मई से 10 जून तक विभाग द्वारा अभियान चलाया जा रहा है। ताकि जिन किसानों को पी०एम० किसान निधि की किस्त नहीं मिल रही है, उसके कारणों की पहचान कर निराकरण किया जा सके अधिकारियों को विभिन्न योजनाओं का सजगता के साथ किर्यान्वयन के निर्देश दिये गये।
गोष्ठी के तकनीकी सत्र में इफको के विशेषज्ञ डा० आरके नायक द्वारा नैनो यूरिया एवं नैनो डीएपी के प्रयोग के सम्बन्ध में किसानों को विस्तृत जानकारी दी गयी। साथ ही कृषि विश्वविद्यालयों, केन्द्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, राष्ट्रीय दलहन अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिकों द्वारा खरीफ की तिलहनी/दलहनी फसलों, धान एवं प्राकृतिक खेती पर विस्तृत जानकारी कृषकों को दी गयी। इस अवसर पर आईसीएआर के संस्थानों द्वारा उन्नत तकनीकी को प्रदर्शनी में प्रस्तुत करने के साथ-साथ गरुड़ प्रा०लि० द्वारा ड्रोन, इफ्को एवं अन्य कृषि निवेश कम्पनियों एवं कृषक उत्पादन संगठनों द्वारा अपने क्रियाकलापों एवं उत्पादों को भी प्रदर्शित किया गया।
गोष्ठी के समापनोपरान्त विभागीय अधिकारियों के साथ अपर मुख्य सचिव (कृषि) द्वारा बैठक करते हुये विभागीय योजनाओं विशेष रूप से प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, सब मिशन ऑन एग्रीकल्चरल मैकेनाईजेशन सब मिशन ऑन एग्रीकल्चरल एक्सटेन्शन, बीज व्यवस्था दलहन तिलहन, बीज मिनीकिट की समीक्षा भी की गयी।