एम.जी. पब्लिक स्कूल में हर्षोल्लास से मनाया गया जन्माष्टमी पर्व

एम.जी. पब्लिक स्कूल में हर्षोल्लास से मनाया गया जन्माष्टमी पर्व

मुजफ्फरनगर। एम.जी. पब्लिक स्कूल प्रांगण में भगवान श्री कृष्ण के जन्मोत्सव की धूम नजर आई। स्कूल में पूर्ण श्रद्धा भाव और उत्साह से परिपूर्ण वातावरण में जन्माष्टमी का पर्व मनाया गया। इस दौरान नन्हें मुन्ने बच्चों ने राधा और कृष्ण बनकर अपनी मंचीय प्रस्तुतियों से सभी का दिल जीत लिया। बच्चों ने अपनी नृत्य और गायन कला प्रतिभा से अपने शिक्षकों के साथ ही अभिभावकों को भी प्रभावित किया। इन नन्हें बच्चों ने अपने मनमोहक प्रदर्शन के सहारे भगवान श्री कृष्ण के जन्म और उनके बचपन की नटखट लीलाओं को जीवंत कर दिया।


एम.जी. पब्लिक स्कूल परिसर में शनिवार को जन्माष्टमी का त्यौहार हर्षोल्लास से मनाया गया। इस दौरान प्राईमरी विंग के नन्हे मुन्ने बच्चों ने एक से बढ़कर एक मंचीय प्रस्तुतियों के सहारे भगवान श्री कृष्ण की लीलाओं का जीवंत चित्रण करते हुए खूब प्रशंसा प्राप्त की। नन्हे नन्हे राधा और कृष्ण को विशेष वेशभूषाओं में सजा धजा देखकर सभी उत्साहित नजर आ रहे थे। प्रधानाचार्या मोनिका गर्ग ने दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। कार्यक्रम में सम्मिलित होने के लिए विद्यालय प्रांगण में आये सभी अभिभावकों को हैंड मेड बैज लगाकर उनका स्वागत किया गया। मंचीय प्रस्तुतियों की शुरूआत में कक्षा एक के छात्र-छात्राओं की नृत्य प्रस्तुति के साथ हुआ। बच्चों ने कोई कहे कान्हा, गीत पर सुन्दर नृत्य पेश किया। नर्सरी कक्षा के छोटे छोटे बच्चों ने कान्हा की नटखट लीलाओं को नृत्य के साथ प्रस्तुत किया तो सभी भाव विभोर नजर आये। यूकेजी के बच्चों का गीत और एलकेजी के छात्र छात्राओं की नृत्य नाटिका ने कार्यक्रम के आकर्षण को और बढ़ा दिया। इस नाटिका में भगवान श्री कृष्ण की माखन चोर ओर चित चोर आधारित लीलाओं को सुन्दर ढंग से प्रस्तुत किया गया। कक्षा-3 के छात्र-छात्राओं ने भगवान श्री कृष्ण के जन्म से लेकर उनके जीवन की प्रमुख कहानियों का जीवंत चित्रण अपनी नृत्य प्रस्तुति के साथ किया।

कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए प्रधानाचार्या श्रीमती मोनिका गर्ग ने कहा कि निश्चित ही इतने छोटे बच्चों का यह प्रस्तुतिकरण सराहनीय है। इसके लिए शिक्षिकाओं और अभिभावकों का योगदान प्रशंसनीय है। इन बच्चों को मंच तक लाने के पीछे हमारा प्रयास यही है कि बच्चा अपने जीवन में आत्मनिर्भर बनना सीखा। ऐसे कार्यक्रम बच्चों में आत्मविश्वास के साथ ही संस्कार पैदा करते हैं। उन्होंने अभिभावकों से कहा कि वो अपने घर पर बच्चों को समय दें, उनके साथ गेम खेले, प्रेरक कहानियां सुनाएं और उनको डिजीटल गैजेट से दूर रखने का प्रयास करें। उनको मंचीय प्रस्तुतियों के प्रति प्रेरित करने का काम करें, क्योंकि यही बच्चों का चरित्र निर्माण करने में सहायक है। उन्होंने सभी को जन्माष्टमी की शुभकामनाएं प्रदान की। कार्यक्रम की प्रभावशाली एंकरिंग कक्षा-4 के छात्र माहिर वत्स और कक्षा-5 की छात्रा वृन्दा गुप्ता द्वारा की गई। अंत में अभिभावकों ने सेल्फी प्वाइंट पर अपने बच्चों के साथ फोटो भी लिए। कार्यक्रम में सभी शिक्षक-शिक्षिकाओं और स्टाफ का सहयोग रहा।

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