लोन दिलाने वाले ठगों ने लाखों रूपयों के साथ ले ली युवक की जान
सहारनपुर। सुनहरे जीवन के सपने संजोते हुए कारोबार करने के लिए लोन प्राप्त करने हेतु दो लाख रूपये की राशि युवक ने ठगों के हवाले कर दी। युवक को जब अपने साथ ठगी होने का अहसास हुआ तो उसने आहत होकर मौत को गले लगा लिया। मुकदमा दर्ज होने के बाद मामले के खुलासे को भागदौड में लगी पुलिस ने कई स्थानों पर दबिश देते हुए एक बडे गिरोह का भंडाफोड किया।
आजकल सोशल मीडिया, अखबारों के क्लासीफाइड विज्ञापनों व अन्य विभिन्न माध्यमों से लोगों को सस्ते ब्याज दर पर लोन दिलाने के मैसेज आजकल देखने को मिल रहे हैं। जिनके माध्यम से लोगों से ठगी का व्यापार चल रहा है। यह लोग करनाल, असंध व दिल्ली आदि विभिन्न शहरों में अपने कार्यालय खोलकर वहां से लोगों को लोन दिलाने के नाम पर ठगी करते नजर आ रहे हैं। ऐसा ही मामला सहारनपुर के थाना कुतुबशेर में सामने आया है। इसमें छत्रपाल पुत्र रामलाल के पुत्र शुभम के साथ लोन के नाम पर 200000 रूपये की धोखाधड़ी की गई। एक बडी राशि ठगों के हाथों चले जाने से आहत होकर शुभम ने 25 दिसंबर 2020 को आत्महत्या कर ली थी। जिसके संबंध में थाने पर मुकदमा पंजीकृत किया गया था। जिस पर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एवं अपर पुलिस अधीक्षक नगर के निर्देशन एवं क्षेत्राधिकारी नगर प्रथम के कुशल नेतृत्व में प्रभारी निरीक्षक थाना कुतुबशेर ने पुलिस टीम बनाकर घटना को अंजाम देने वाले गिरोह को गिरफ्तार किया। जिसका अनावरण बुधवार को अपर पुलिस अधीक्षक नगर विनीत भटनागर द्वारा प्रेसवार्ता कर किया गया।
उन्होंने बताया कि थाना कुतुबशेर पुलिस को छत्रपाल पुत्र रामलाल के पुत्र शुभम के साथ लोन के नाम पर की गई धोखाधड़ी में एक गिरोह को गिरफ्तार करने में बहुत बड़ी कामयाबी मिली है। गिरोह में कुलदीप पुत्र रामेश्वर निवासी ग्राम सिसायी थाना हासी जिला हिसार हरियाणा हाल निवासी फ्लैट नंबर 3 न्यू चौधरी काॅम्प्लेक्स पंचकूला चंडीगढ़, रवि कुमार पुत्र प्रकाश निवासी कस्बा व थाना असंध जिला करनाल हरियाणा को एक स्कॉर्पियो कार, एक मोबाइल व एक बैंक चैक इंडसइंड बैंक के साथ गिरफ्तार किया गया।
उन्होने बताया कि आरोपी अपने साथियों के साथ एक गिरोह बना कर करनाल, असंध, दिल्ली में अपने कार्यालय खोलकर वहां से लोगों को सोशल मीडिया, क्लासिफाइड अखबार के माध्यम से लोगों को सस्ते ब्याज दर पर लोन देने का मैसेज करते थे और फर्जी आईडी पर लिए गए नंबरों से उनसे बात कर उनको झांसे में लेकर एग्रीमेंट फीस, इंश्योरेंस, इंटर कंट्री ट्रांसफर चार्ज, जीएसटी, सर्विस चार्ज आदि के नाम पर फर्जी आईडी पर खोले गए बैंक खाते में धोखाधड़ी से पैसा डलवाते थे।