लो जी विपरीत सोच रखने वालों ने आखिर उठा ही दी तिरंगा यात्रा पर अंगुली

हापुड़। विपरीत सोच आजादी के अमृत महोत्सव मौके पर निकाली गई तिरंगा रैली में शामिल हुए बच्चों की जिंदगी खतरे में पड़ी देख ली। वाले लोगों की हमारे समाज में कमी नहीं है। किसी भी बात के उजले पक्ष को देखने की बजाय अंधेरे की तरफ निहारने वाले लोगों ने आजादी के अमृत महोत्सव मौके पर निकाली गई तिरंगा रैली में शामिल हुए बच्चों की जिंदगी खतरे में पड़ी देख ली। जिसके चलते एक सुनियोजित ढंग से सोशल मीडिया पर इस बात का प्रचार प्रसार शुरू कर दिया गया है।

दरअसल देश की आजादी के 75 साल पूरे होने के मौके पर केंद्र सरकार के निर्देश पर देशभर में आजादी का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर हर घर तिरंगा अभियान के अंतर्गत हर जगह तिरंगा लहराने की कोशिश की जा रही है। हर घर तिरंगा अभियान और आजादी के जश्न के प्रति लोगों में जागरूकता उत्पन्न करने के लिए शनिवार को जिला विद्यालय निरीक्षक के निर्देश पर स्कूली छात्र छात्राओं द्वारा हाईवे पर तिरंगा यात्रा रैली निकाली गई। इस रैली में विभिन्न स्कूलों के छात्र छात्राओं के साथ मारवाड़ कॉलेज के विद्यार्थी भी उत्साह के साथ शामिल हुए और वंदे मातरम के साथ भारत माता की जय और अमर शहीदोें की याद में जोरदार नारे लगाये।
तकरीबन रोजाना बाइक पर सवार होकर कॉलेज में आने वाले विद्यार्थी जब प्रशासन की ओर से निकाली गई रैली में शामिल होने के लिए बाइक पर सवार होकर हाईवे पर पहुंचे तो विपरीत सोच रखने वालों ने इसमें भी दोष खोज लिया और कॉलेज प्रबंधन पर बच्चों का भविष्य खतरे में डालने के आरोप लगाते हुए सोशल मीडिया पर कमेंट करके डालने शुरु कर दिये।
विपरीत सोच रखने वाले लोगों का मानना है कि रैली में शामिल हुए बच्चे हेलमेट नहीं लगाए हुए थे और वह बाइक पर सवार होकर हाईवे पर रैली में चल रहे थे।
लेकिन विपरीत सोच रखने वाले लोगों को इस बात का ध्यान नहीं रहा कि आज प्रशासन की ओर से आयोजित रैली में शामिल हुए बच्चे प्रतिदिन लगभग 2 से 3 की संख्या में गांव देहात से सवार होकर लंबा सफर तय करके रोजाना अपने स्कूल कॉलेज में पहुंचते हैं।
पॉजिटिव सोच रखने वाले लोग अब विपरीत सोच रखने वाले लोगों की निंदा करते हुए उनकी विपरित सोच को देशभक्ति के इस काम में अड़ंगा मान रहे हैं।