पशुधन विभाग को किया जा रहा सुदृढ़- नये कार्यालय भवन का शिलान्यास
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री धर्मपाल सिंह द्वारा आज यहां महानगर स्थित कार्यालय उप निदेशक (प्रक्षेत्र), पशुपालन विभाग में नये कार्यालय भवन एवं आवासीय भवनों के निर्माण कार्यों का विधि-विधान पूर्वक शिलान्यास किया गया। यह निर्माण कार्य प्रक्षेत्र मुख्यालय एवं प्रक्षेत्रों का विस्तार एवं सुदृढ़ीकरण की योजना के अन्तर्गत किया जायेगा।
इस अवसर पर मंत्री धर्मपाल सिंह ने कहा कि अनुकूल एवं सुविधाजनक वातावरण उपलब्ध कराने से कार्य कुशलता एवं कार्यक्षमता में वृद्धि होती है जिसका प्रत्यक्ष प्रभाव विकास कार्यांे पर पड़ता है। हमारा यह प्रयास रहेगा कि पशुधन विभाग को प्रत्येक स्तर पर सुदृढ़ करते हुए आधुनिक संसाधनों से सुसज्जित किया जाय।
इस अवसर पर पशुधन एवं दुग्ध विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव डा0 रजनीश दूबे ने कहा कि पशुधन विभाग को वर्तमान की चुनौतियों से निपटे के लिए राज्य सरकार द्वारा निरन्तर कार्य किया जा रहा है। कार्यक्रम में विशेष सचिव पशुधन देवेन्द्र पाण्डेय, विशेष सचिव अमरनाथ उपाध्याय, पीसीडीएफ के प्रबंध निदेशक आनंद कुमार, निदेशक पशुधन डा0 ए0के0 जादौन, उप निदेशक श्री प्रकाश चन्द्र सिंह एवं वरिष्ठ अधिकारियों सहित बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे।
उल्लेखनीय है कि वित्तीय वर्ष 2023-24 हेतु प्रक्षेत्र मुख्यालय एवं प्रक्षेत्रों का विस्तार एवं सुदृढ़ीकरण की योजना के अन्तर्गत विशालगंज महानगर, लखनऊ स्थित कार्यालय उप निदेशक (प्रक्षेत्र), पशुपालन विभाग, उत्तर प्रदेश, महानगर, लखनऊ में नये कार्यालय भवन एवं आवासीय भवनों के निर्माण हेतु धनराशि रू0 600.00 लाख का आय-व्ययक प्राविधान किया गया हैं। प्राविधानित धनराशि के सापेक्ष कार्यदायी संस्था उत्तर प्रदेश राज्य निर्माण सहकारी संघ लिमिटेड, लखनऊ द्वारा प्रेषित आगणन धनराशि रू0 599.71 लाख के सापेक्ष पी०एफ०ए०डी० द्वारा रु0 596.48 लाख की धनराशि अनुमोदित की गयी, जिसके अन्तर्गत प्रथम चरण में ऑफिस भवन-01 नग (जी० $ 1), टाईप-1 आवास 04 नग (जी० $ 1), टाईप-111 आवास-02 नग (जी०), टाईप-4 आवास-02 नग (जी०) निर्माण कराया जाना हैं।
इसके अतिरिक्त आगामी वर्ष में निर्मित टाईप -2, टाईप-111, टाईप-4 के आवासों का विस्तारीकरण किया जाना हैं जिसमें टाईप 11 एवं टाईप 11 के आवासों को जी० $ 3 तक तथा टाईप-4 के आवासों को जी० $ 1 तक विस्तारित किया जाना हैं।