10 दिन तक जिंदा व्यक्ति का 3 दिन में ही कर दिया लावारिस में अंतिम संस्कार
मेरठ। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर ने रफ्तार क्या पकड़ी कि अस्पताल प्रबंधन पूरी तरह से लापरवाही पर उतर आया है। अस्पताल प्रबंधन इतनी बुरी गफलत में है कि 10 दिन तक जिंदा बताए जा रहे व्यक्ति का तीसरे दिन ही मौत होने पर अंतिम संस्कार कर दिया गया। बेटी और दामाद जिंदा बताए जा रहे व्यक्ति की तलाश में इधर से उधर धक्के खाते रहे। प्राचार्य ने उक्त व्यक्ति की मौत होने की पुष्टि करते हुए जांच के लिए 2 सदस्यीय कमेटी गठित कर दी है।
दरअसल मूलरूप से बरेली के रहने वाले 64 वर्षीय संतोष कुमार पुत्र सीताराम आरईएस से रिटायर हुए थे। वह फिलहाल गाजियाबाद के राजनगर एक्सटेंशन में अपनी बेटी शिवांगी और दामाद अंकित के साथ रह रहे थे। 21 अप्रैल को लगभग 11.30 बजे शिवांगी और अंकित ने संतोष कुमार को कोरोना संक्रमण से पीड़ित होने पर मेरठ स्थित लाला लाजपत राय मेडिकल कॉलेज में इलाज के लिए कोविड-19 भर्ती कराया था। इसके बाद दोनों पति पत्नी अपने घर चले गए। बेटी और दामाद अपने पिता से निरंतर उनके स्वास्थ्य का हालचाल लेते रहे।
2 मई को जब उन्होंने फोन किया तो अस्पताल की ओर यह बताया गया कि उनके पिता अब आईसीयू में है। क्योंकि उनका ऑक्सीजन लेवल 77 हो गया है। 3 मई की सवेरे मेडिकल कॉलेज के कोविड-19 में फोन किए जाने पर फिर से बताया गया कि संतोष कुमार अभी भी आईसीयू में है और उनका ऑक्सीजन लेवल 92 पर आ गया है। इसके बाद उसी दिन शाम को मरीज की अपडेट पूछने पर अस्पताल की ओर से कोई सही जानकारी नहीं मिल पाई। शुक्रवार को बेटी और दामाद ने मेडिकल कॉलेज पहुंचकर अपने पिता की इधर से उधर भटकते हुए तलाश की। लेकिन उनका कहीं पता नहीं चला। दामाद अंकित ने बताया कि इसी बीच मेडिकल थाने के एसएचओ प्रमोद गौतम का फोन आया।
उन्होंने बताया कि 23 अप्रैल को संतोष कुमार की मौत हो गई थी। हालांकि अंतिम संस्कार के बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं दी गई है। उधर मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य ने बताया है कि जांच के दौरान पता चला है की गायब हुए संतोष कुमार की 23 अप्रैल को ही मौत हो गई थी। उस समय अस्पताल में संतोष नाम के 3 मरीज भर्ती थे। गलती से दूसरे संतोष नाम के मरीज के बारे में बेटी और दामाद को जानकारी दे दी गई। मृतक संतोष के शव के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है। अस्पताल प्रबंधन का कहना है की लावारिस में संतोष का अंतिम संस्कार कर दिया गया होगा। एसएचओ प्रमोद गौतम का कहना है कि संतोष का अंतिम संस्कार अस्पताल की ओर से किस दिन किया गया है इस बारे में छानबीन की जा रही है।