अगवा किए गए अखिलेश की हत्या कर जिंदा जलाया
जौनपुर। अपहृत किए गए कारोबारी की बदमाशों ने बेरहमी के साथ नृशंस हत्या कर दी है। कारोबारी का अपहरण करने के बाद बदमाशों ने पहले उसकी जोरदार पिटाई की, फिर जब पता चला कि कारोबारी अभी जिंदा है तो बदमाशों ने उसे जिंदा ही जलाकर मार डाला। जांच में जुटी पुलिस को जब बदमाशों के बारे में पता चला तो बदमाशों की उसने घेराबंदी कर ली। बुधवार को हुई मुठभेड़ के बाद गोली लगने से एक बदमाश घायल हो गया है। मुठभेड़ में स्वाट टीम के एक अधिकारी को भी गोली लगी है।
बुधवार को पुलिस की 30 दिसंबर को कारोबारी का अपहरण करने वाले बदमाशों के साथ मुठभेड़ हो गई। सवेरे के समय हुई मुठभेड़ के दौरान पुलिस की ओर से चलाई गई गोली से एक बदमाश घायल हो गया है। स्वाट टीम के एक अधिकारी भी बदमाशों की गोली की चपेट में आकर घायल हुए हैं। गोली लगने से घायल हुए बदमाश के अलावा पुलिस ने उसके एक साथी को भी पकड़ा है। घायल हुए बदमाश को वाराणसी स्थित ट्रामा सेंटर भेजा गया है।
बुधवार को जौनपुर के एसपी अजय साहनी ने बताया है कि 30 दिसंबर को सिकरारा निवासी अखिलेश जायसवाल की परिवारजनों की ओर से गुमशुदगी दर्ज कराई गई थी। पुलिस द्वारा की गई जांच में पता चला कि कारोबारी का अपहरण किया गया है। इसके बाद पुलिस ने इस मामले में बृजेश सिंह उर्फ मुन्ना के खिलाफ अपहरण का मामला दर्ज करते हुए बदमाश और अपहृत कारोबारी की तलाश शुरू कर दी। सर्विलांस के माध्यम से पता चला कि बृजेश सिंह ने दीपक के साथ मिलकर अखिलेश जायसवाल को उसके घर से 100 मीटर दूर कपड़ा बाजार के पास से अपहरण किया है। कुछ लोगों के साथ मिलकर जमीन और मकान हड़पने की साजिश के तहत अपहरण की वारदात को अंजाम दिया गया है। बदमाशों ने व्यापारी को अगवा करने के बाद बुरी तरह से मारा पीटा और उसे गंभीर रूप से घायल कर दिया। व्यापारी को दोनों बदमाश राजकुमार एवं अमन सिंह के सहयोग से हरीरामपुर घाट होते हुए खून शाहपुर घाट पर नाव से ले गए। वहां रिशु सिंह एवं एक अन्य अज्ञात व्यक्ति के सहयोग से लकड़ी एवं पेट्रोल डालकर बदमाशों ने कारोबारी को जिंदा ही जला दिया।